सरकार ने नए श्रम कानूनों के तहत कई सुधार किए हैं. नए कानूनों के मुताबिक अब ESIC और EPFO का फायदा सभी कामगारों को मिलेगा. साथ ही कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जाने वाले कर्मचारियों की सेवा शर्तें, ग्रैच्यूटी और छुट्टी भी नियमित होंगी. महिला कर्मचारियों को नाइट शिफ्ट में काम करने की इजाजत होगी लेकिन उनकी सुरक्षा की व्यवस्था करनी होगी.
महिला कामगारों को पुरुष कामगारों को बराबर ही वेतन
महिला कामगारों को पुरुष कामगारों को बराबर ही वेतन देना होगा. पूरे देश में एक समान मजदूरी लागू होगी. ESI और ईपीएफओ का सामाजिक सुरक्षा कवच सभी मजदूरों और स्वरोजगार करने वालों को प्रदान किया जाएगा. इसके अलावा नियमित कर्मचारियों की तरह ही अस्थायी कर्मचारियों को भी एक ही तरह की सेवा शर्तें, ग्रेच्युटी, छुट्टी मुहैया कराई जाएंगी. वर्किंग जर्नलिस्ट की परिभाषा में अब डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने वाले लोग भी शामिल होंगे.
प्रवासी कामगारों को अपने घर जाने के लिए साल में एक बार भत्ता
प्रवासी कामगारों को कंपनियां अपने घर जाने के लिए साल में एक बार भत्ता देगी. वित्तीय घाटे, कर्ज या लाइसेंस पीरियड खत्म हो जाने से कोई कंपनी बंद हो जाती है तो कर्मचारियों को नोटिस या मुआवजा देने से इनकार नहीं किया जा सकेगा. कंपनियों को नियुक्ति के समय कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देना होगा. उन्हें हर साल मेडिकल चेकअप की भी सुविधा देनी होगी.
लोकसभा में मंगलवार को श्रम सुधार से जुड़े बिल लोकसभा में पेश किए गए. अब ये बिल राज्य सभा में पेश किए जाएंगे. इस दौरान श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि प्रवासी कामगारों को डेटा बैंक बनेगा. उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों का मामला काफी संवेदनशील है. प्रवासी मजदूरों का डेटा बैंक बनेगा और उन्हें साल में एक बार घऱ जाने के लिए भत्ता भी दिया जाएगा.
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