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नया लेबर कोड लागू होने पर घट जाएगी टेक होम सैलरी, पीएफ में कंट्रीब्यूशन बढ़ने से होगा यह असर
लेबर कोड के तहत वेतन की नई परिभाषा तय की गई है. इसकी वजह से कंपनियों को ग्रैच्युटी, छुट्टी के बदले पैसा और पीएफ के लिए ज्यादा रकम का प्रावधान करना होगा.
नया लेबर कोड लागू होने साथ नौकरीशुदा लोगों की टेक होम सैलरी कम हो सकती है. अगले महीने देश में चार लेबर कोड लागू हो रहे हैं. इनके मुताबिक कंपनियों को सीटीसी में बेसिक पे का हिस्सा कम से कम 50 फीसदी करना होगा. जाहिर है इसी के आधार पर पीएफ कटेगा. जब बेसिक पे ज्यादा होगा तो पीएफ में कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा. इससे पीएफ और ग्रेच्युटी दोनों कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा. इसकी वजह से वेतन बढ़ोतरी के बावजूद आपकी टेक होम सैलरी कम हो सकती है.
लेबर कोड के तहत वेतन की नई परिभाषा तय हुई है
लेबर कोड के तहत वेतन की नई परिभाषा तय की गई है. इसकी वजह से कंपनियों को ग्रैच्युटी, छुट्टी के बदले पैसा और पीएफ के लिए ज्यादा रकम का प्रावधान करना होगा. नए प्रावधानों के तहत वित्तीय असर के आकलन के बाद कंपनियां साल की दूसरी छमाही में अपने वेतन बजट की समीक्षा करेंगी. इस समीक्षा के चलते ज्यादा और मझोले वेतन समूह पर ज्यादा असर तो नहीं पड़ेगा लेकिन नए नियम के मुताबिक कम वेतन पाने वालों को दिक्क आएगी. चूंकि उनका एक बड़ा हिस्सा आपस में मर्ज होगा जाएगा और इससे पीएफ और ग्रेच्युटी कंट्रीब्यूशन के मद में ज्यादा पैसा कटने लगेगा. जाहिर इससे टेक होम सैलरी कम हो जाएगी. कहा जा रहा नए वेतन री-स्ट्रक्चरिंग से इनके वेतन में 25 से 30 फीसदी की कमी आ सकती है.
न्यूनतम पेंशन में अभी इजाफा नहीं
इस बीच, सरकार ने कहा है कि कर्मचारी पेंशन स्कीम 95 के तहत मिलने वाले न्यूनतम मासिक पेंशन में इस समय बढ़ोतरी संभव नहीं है. सरकार का कहना है कि जब तक कि इसके लिए बजटीय सहायता नहीं मिलती, न्यूनतम पेंशन बढ़ाना मुश्किल है. सरकार का कहना है ईपीएस-95 की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी ने कुछ शर्तों के साथ मासिक वेतन बढ़ाने की सिफारिश की थी. लेकिन केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि सरकार अभी इसका भार उठाने में सक्षम नहीं है.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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