कोरोना की मार: NPS के सब्सक्राइवर्स की संख्या दो साल में सबसे कम हुई
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्यवन मंत्रालय की ओर से हर महीने तैयार किए जाने वाले पे-रोल के मुताबिक मई 2020 की तुलना में जून 2020 में एनपीएस के न्यू सब्सक्राइवर्स में 33.5 फीसदी की गिरावट आई है.
नेशनल पेंशन स्कीम यानी NPS में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से घट रही है. कोविड-19 की वजह से पैदा आर्थिक दिक्कतों ने सब्सक्राइवर्स को एनपीएस से दूर रखा है. जून में सिर्फ 29,155 लोगों ने एनपीएस का सब्सक्रिप्शन लिया. सितंबर 2017 के बाद एनपीएस सब्सक्रिप्शन की सबसे कम तादाद है. इससे यह भी पता चलता है कि हायरिंग में कमी आई और कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से लोगों की आय घटी है. सरकारी विभाग में सभी कर्मचारियों के लिए एनपीएस में योगदान अनिवार्य है. साथ ही सरकारी विभाग में नई नौकरी शुरू करने वालों को एनपीएस में योगदान करना होता है.
नौकरियों में कमी का असर
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्यवन मंत्रालय की ओर से हर महीने तैयार किए जाने वाले पे-रोल के मुताबिक मई 2020 की तुलना में जून 2020 में एनपीएस के न्यू सब्सक्राइवर्स में 33.5 फीसदी की गिरावट आई है. जबकि पिछले साल (2019) की तुलना में इसमें 56.5 फीसदी की गिरावट आई है. दरअसल अप्रैल से ही एनपीएस के सब्सक्राइवर्स में गिरावट आई है. अप्रैल में एनपीएस के 64,647 नए सब्सक्राइवर थे. पिछले साल हर महीने औसतन 61 हजार नए सब्सक्राइवर एनपीएस में जुड़ रहे थे.
गैर सरकारी सब्सक्राइवर्स भी घटे
राज्य सरकार में नौकरी कर रहे सब्सक्राइवर की संख्या भी घटी है. जून में यह संख्या 20,222 थी. मई में यह संख्या 34,695 में थी. अप्रैल मे यह संख्या 27,185 थी. गैर सरकारी वर्ग के एनपीएस सब्सक्राइवर्स में कमी आई है. जून में यह संख्या 5396 थी. मई में यह संख्या 5788 थी. अप्रैल में यह संख्या 25,533 थी. सरकारी अधिकारियों का कहना है रोजगार में कमी की वजह से एनपीएस सब्सक्राइवर्स में कमी आई है. रोजगार में इजाफे के साथ ही एनपीएस सब्सक्राइवर्स में इजाफा होगा.
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