एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

भारत के मेडटेक सेक्टर का नया दौर,  ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर की CEO ने कहा- नेशनल मेडिकल डिवाइसेज पॉलिसी से देश बनेगा आत्‍मनिर्भर

कोविड-19 की शुरुआत के बाद देश के मेडिकल डिवाइस उद्योग की रफ्तार में एक नई गति आई है. नेशनल डिवाइसेज पॉलिसी 2023 का उद्देश्‍य भी देश को मेड टेक के क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनाना है.

हेल्‍थकेयर सेक्‍टर में मेडिकल टेक्‍नोलॉजी (MedTech) और डिवाइसेज का क्‍या योगदान है और यह कितना जरूरी है, इसे कोरोना के दौरान हम सब ने अनुभव किया है. चाहे वह ऑक्‍सीमीटर या थर्मामीटर जैसा आम डिवाइस हो या एमआरआई स्‍कैन जैसी मशीन. आंकड़ों के अनुसार, हेल्‍थकेयर क्षेत्र में प्रयोग की जाने वाली लगभग 80 प्रतिशत मशीनों का आयात किया जाता है. भविष्‍य में भारत मेडटेक सेक्‍टर में आत्‍मनिर्भर बने, इस उद्देश्‍य से केंद्र सरकार नेशनल मेडिकल डिवाइसेज पॉलिसी लेकर आई. इस उद्योग को प्रोत्‍साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने मेडिकल डिवाइसेज पार्क स्‍थापित किए हैं. भारतीय मेडटेक उद्योग की मौजूदा स्थिति और भविष्‍य को लेकर ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर (Trivitron Healthcare) की ग्रुप चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर चंद्रा गंजू ने विस्‍तार से बातचीत की. पेश है इंटरव्‍यू का संपादित अंश: 

भारतीय मेडटेक उद्योग (MedTech Industry) लगातार विकसित हो रहा है, खासतौर पर कोविड-19 महामारी के बाद इसे गति मिली है. आज भी हम 70-80 फीसदी मेडिकल डिवाइसेज़ आयात करते हैं. इस क्षेत्र में भारत कब और कैसे आत्मनिर्भर बनेगा? 
हाल ही के वर्षों में भारतीय मेडटेक उद्योग में उल्लेखनीय विकास देखने को मिला है और कोविड-19 महामारी ने इसके विस्तार में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस प्रगति के बावजूद भारत आज भी 70-80 फीसदी मेडिकल डिवाइसेज आयात कर रहा है. इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए, भारत सरकार द्वारा कई उपाय किए गए हैं. भारत को अपनी घरेलू निर्माण क्षमता बढ़ाने, अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने, इनोवेशन को प्रोत्साहित करने तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर ध्यान केंद्रित करना होगा. इसके अलावा एकैडमिक, उद्योग एवं सरकारी संस्थाओं के बीच साझेदारियों को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है. इस दिशा में व्यापक एवं सामरिक दृष्टिकोण के साथ आयात पर देश की निर्भरता कम की जा सकती है और भारत को मेडटेक सेक्टर में आत्मनिर्भर देश बनाया जा सकता है. इन सभी प्रयासों को प्रभावी तरीके से लागू कर देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. 

एक अनुमान के मुताबिक 2025 तक मेडिकल डिवाइसेज सेक्टर का बाजार 50 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच जाएगा. ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर का इसमें क्या योगदान रहेगा? 
मॉडर्न मेडिकल डिवाइसेज़ के डायवर्सिफायड पोर्टफोलियो के साथ ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर ने खुद को इंडस्‍ट्री में मजबूती से स्थापित कर लिया है. इनोवेशन, गुणवत्ता एवं उचित कीमतों के साथ कंपनी विस्तृत होते बाज़ार का लाभ उठाने के लिए तैयार है. राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर की पार्टनरशिप्‍स और मैन्‍यूफैक्‍चरिंग कैपेसिटी इसे विश्वस्तरीय नेटवर्क के विस्तार तथा नए बाज़ारों में प्रवेश में मदद करेंगी. अनुसंधान एवं विकास (R&D) में निवेश कर ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर निरंतर ऐसे मॉडर्न टेक्‍नोलॉजी और सॉल्‍यूशंस ला रही है, जो हेल्थकेयर की बदलती ज़रूरतों को पूरा कर सकें. इन सभी कारकों के साथ ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर 2025 तक इस सेक्टर को 50 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. 

पिछले 5 सालों में ट्रिविट्रॉन की विकास दर क्या रही है?
पिछले 25 सालों से ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर, हेल्थकेयर के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाई है. इस दौरान कंपनी ब्रीदिंग इनोवेशन एवं मॉडर्न मेडिकल टेक्‍नोलॉजी लेकर आई और हेल्थकेयर को एक समान बनाने एवं महामारी से लड़ाई में योगदान दिया. कंपनी तीन सिद्धान्तों- लोग, प्रक्रियाओं एवं परफोर्मेन्स (People, Processes and Performance) पर ध्यान केंद्रित करते हुए हेल्थकेयर के लिए प्रतिबद्ध है.  

पिछले 5 सालों में ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर ट्रेडिंग और डिस्ट्रिब्‍यूशन कंपनी के दायरे से आगे बढ़कर विश्वस्तरीय आर एण्ड डी एवं मैन्‍यूफैक्चरिंग कंपनी बन गई है, जिसने अपने खुद के निर्मित प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में 15-20 फीसदी साल-दर-साल विकास दर्ज किया है. अपनी आधुनिक तकनीकों के साथ ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर मेडटेक स्पेस में तेज़ी से बदलाव लाई और हेल्थकेयर उद्योग में प्रगति के मार्ग प्रशस्त किए. 

भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम को नया आयाम देते हुए ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर ने गुणवत्ता के साथ समझौता किए बिना हायर इमेजिंग इंटेलीजेन्स लेकर आई. कंपनी के इन प्रयासों से अस्थायी हेल्थकेयर सिस्टम स्थायी हेल्थकेयर सिस्टम में बदला है और बीमारियों के लिए सस्ते, त्वरित और प्रभावी समाधान उपलब्ध कराए.  

न्यूबोर्न स्क्रीनिंग, इन-विट्रो डायग्नॉस्टिक्स, इमेजिंग एवं रेडियोलोजी, रेडिएशन  प्रोटेक्शन, क्रिटिकल केयर, ऑपरेटिंग रूम सॉल्‍यूशंस में इनोवेशन्स को लीड करते हुए ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर आज समग्र हेल्थकेयर प्रदाता बन गई है, जिसकी अनुसंधान एवं विकास में अच्छी क्षमता है और उत्कृष्ट चिकित्सा तकनीक उत्पाद बनाकर 180 से अधिक देशों को वितरित कर रही  है.   

भारत में कई मेड टेक प्लेयर्स हैं. ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर कैसे विस्तारित हो रही है और भावी रणनीतियां क्या हैं? 
भारत के प्रतिस्पर्धी मेडटेक उद्योग में ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर ने विभिन्न स्‍ट्रेटजीज के साथ अपनी मौजूदगी का विस्तार किया है. कंपनी ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर स्‍ट्रेटजिक पार्टनरशिप और अधिग्रहण किए हैं. इस विस्तार के चलते ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर का प्रोडक्ट पोर्टफोलियो विस्तारित हुआ है, इसका डिस्ट्रिब्‍यूशन नेटवर्क बढ़ा है और कंपनी ने नए बाज़ारों में प्रवेश किया है. इसके अलावा ट्रिविट्रॉन ने हेल्थकेयर की बदलती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मॉडर्न टेक्‍नोलॉजी के विकास के लिए आर एंड डी पर भी फोकस किया है. आने वाले समय में कंपनी अपनी भावी रणनीतियों के तहत आर एण्ड डी में निवेश करेगी, अपनी निर्माण क्षमताओं को सशक्त बनाएगी.

केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश, तमिल नाडु, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 4 मेडिकल डिवाइसेज़ को अनुमोदन दिया है? इससे ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर को क्या लाभ होगा?
देश में आगामी नए मेडिकल डिवाइस पार्कों के साथ, देश में मेड टेक उत्पादों के निर्माण के लिए साझेदारियां के कई क्षेत्र होंगे. भारतीय मेडिकल डिवाइस उद्योग में हाल ही के वर्षों में उल्लेखनीय विकास हुए हैं. भारत सरकार द्वारा पेश की गई नेशनल मेडिकल डिवाइस पॉलिसी 2023 भारत को मेडिकल डिवाइस उद्योग में लीडर के रूप में स्थापित करने की दिशा में सकारात्मक कदम है. भारत को मेडिकल डिवाइसेज़ की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाना इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य है. यह पॉलिसी भारतीय मेडिकल डिवाइस उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने और मरीज़ों की हेल्थकेयर संबंधी बदलती ज़रूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.  

ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर में हमें खुशी है कि हम भारत में मेडिकल डिवाइस उद्योग को मजबूत, आधुनिक एवं स्थायी बनाने की इस यात्रा में शामिल हुए हैं. आने वाले समय में भी हम ऐसे विश्वस्तरीय मेडिकल डिवाइसेज़ लाते रहेंगे, जो देश-विदेश में मरीज़ों और हेल्थकेयर पेशेवरों की ज़रूरतों को पूरा करते रहेंगे.

क्या निकट भविष्य में आईपीओ के लिए कुछ योजनाएं हैं?
हां, आईपीओ के लिए जल्द कुछ योजनाएं सामने आएंगी.
  

भारत के मेडटेक सेक्टर का नया दौर,  ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर की CEO ने कहा- नेशनल मेडिकल डिवाइसेज पॉलिसी से देश बनेगा आत्‍मनिर्भर

(Chandra Ganjoo, Group CEO, Trivitron Healthcare)

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

KL Rahul Half Century: यशस्वी-राहुल ने शतकीय साझेदारी से पर्थ में रचा इतिहास, 2004 के बाद पहली बार हुआ ऐसा
यशस्वी-राहुल ने पर्थ टेस्ट में रचा इतिहास, 2004 के बाद पहली बार हुआ ऐसा
पूरा दिन वोटिंग के बाद EVM मशीन 99% कैसे चार्ज हो सकती है?, पति फहाद अहमद की हुई हार, तो स्वरा भास्कर ने पूछे ECI से सवाल
पति की हुई हार तो स्वरा भास्कर ने उठा दिए ईवीएम पर सवाल
Maharashtra Election Result: शिवसेना-एनसीपी में बगावत, एंटी इनकंबेंसी और मुद्दों का अभाव...क्या हिंदुत्व के सहारे महाराष्ट्र में खिल रहा कमल?
शिवसेना-एनसीपी में बगावत, एंटी इनकंबेंसी और मुद्दों का अभाव...क्या हिंदुत्व के सहारे महाराष्ट्र में खिल रहा कमल?
Maharashtra Assembly Election Results 2024: शिंदे की सेना या उद्धव ठाकरे गुट, चाचा या भतीजा और बीजेपी कांग्रेस... कौन किस पर भारी, जानें सारी पार्टियों का स्ट्राइक रेट
शिंदे की सेना या उद्धव ठाकरे गुट, चाचा या भतीजा और बीजेपी कांग्रेस... कौन किस पर भारी, जानें सारी पार्टियों का स्ट्राइक रेट
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Assembly Election Results: देवेंद्र फडणवीस ने जीत के बाद क्या कहा? Devendra Fadnavis | BreakingMaharashtra Election Result : विधानसभा चुनाव के रुझानों पर महाराष्ट्र में हलचल तेज!Maharashtra Election Result : देश के अलग-अलग राज्यों में हो रहे उपचुनाव में बीजेपी की बड़ी जीतMaharashtra Election Result : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार जीत पर CM Yogi की आई प्रतिक्रिया

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
KL Rahul Half Century: यशस्वी-राहुल ने शतकीय साझेदारी से पर्थ में रचा इतिहास, 2004 के बाद पहली बार हुआ ऐसा
यशस्वी-राहुल ने पर्थ टेस्ट में रचा इतिहास, 2004 के बाद पहली बार हुआ ऐसा
पूरा दिन वोटिंग के बाद EVM मशीन 99% कैसे चार्ज हो सकती है?, पति फहाद अहमद की हुई हार, तो स्वरा भास्कर ने पूछे ECI से सवाल
पति की हुई हार तो स्वरा भास्कर ने उठा दिए ईवीएम पर सवाल
Maharashtra Election Result: शिवसेना-एनसीपी में बगावत, एंटी इनकंबेंसी और मुद्दों का अभाव...क्या हिंदुत्व के सहारे महाराष्ट्र में खिल रहा कमल?
शिवसेना-एनसीपी में बगावत, एंटी इनकंबेंसी और मुद्दों का अभाव...क्या हिंदुत्व के सहारे महाराष्ट्र में खिल रहा कमल?
Maharashtra Assembly Election Results 2024: शिंदे की सेना या उद्धव ठाकरे गुट, चाचा या भतीजा और बीजेपी कांग्रेस... कौन किस पर भारी, जानें सारी पार्टियों का स्ट्राइक रेट
शिंदे की सेना या उद्धव ठाकरे गुट, चाचा या भतीजा और बीजेपी कांग्रेस... कौन किस पर भारी, जानें सारी पार्टियों का स्ट्राइक रेट
महाराष्ट्र में हिंदुत्व का बिग बॉस कौन? आंकड़े गवाही दे रहे कि बीजेपी के सामने अब कोई नहीं है टक्कर में
महाराष्ट्र में हिंदुत्व का बिग बॉस कौन? आंकड़े गवाही दे रहे कि बीजेपी के सामने अब कोई नहीं है टक्कर में
Maharashtra Assembly Election Results 2024: सीएम की कुर्सी के लिए संग्राम शुरू, छप गए पोस्‍टर, जानें फडणवीस, अजित पवार, शिंदे का क्‍या रहा रिजल्‍ट
महाराष्‍ट्र: सीएम की कुर्सी के लिए संग्राम शुरू, छप गए पोस्‍टर, जानें फडणवीस, अजित पवार, शिंदे का क्‍या रहा रिजल्‍ट
हेमंत सोरेन को मिला माई-माटी का साथ, पीके फैक्टर एनडीए के काम आया, तेजस्वी का ‘पारिवारिक समाजवाद हुआ फेल’  
हेमंत सोरेन को मिला माई-माटी का साथ, पीके फैक्टर एनडीए के काम आया, तेजस्वी का ‘पारिवारिक समाजवाद हुआ फेल’  
Police Jobs 2024: इस राज्य में भरे जाएंगे सब इंस्पेक्टर के बंपर पद, जानें कब से शुरू होगी आवेदन प्रोसेस
इस राज्य में भरे जाएंगे सब इंस्पेक्टर के बंपर पद, जानें कब से शुरू होगी आवेदन प्रोसेस
Embed widget