नए उपभोक्ता कानून में ई-कॉमर्स कंपनियों पर सख्ती बढ़ गई है. अब उन्हें अपने ग्राहकों के हितों का ज्यादा ख्याल रखना पड़ेगा. उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 और उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 के मुताबिक वस्तु और सेवाओं की बिक्री करने वाले सभी ई-रिटेलर्स पर ई-कॉमर्स नियम लागू होंगे, चाहें वे कंपनियां देश में रजिस्टर्ड हों या विदेश में.
ऑर्डर कैंसिल करने पर कोई चार्ज नहीं
नए नियमों के मुताबिक अब ऑर्डर कैंसिल करने पर चार्ज नहीं लगेगा. शिकायत के लिए नोडल ऑफिसर की तैनाती जाएगी. एक निश्चित टाइम लिमिट में शकायत का निपटारा कर देना होगा. गलत या लुभाने वाली प्राइस और हिडेन चार्ज पर रोक की तैयारी की जा रही है. इसके साथ ही प्रोडक्ट की फर्जी रेटिंग या रिव्यू पर भी लगाम लगेगी. घटिया रिफंड, एक्सचेंज, गारंटी, वारंटी जैसे सभी डिटेल भी ग्राहक को मुहैया कराने होंगे.ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए अब प्रोडक्ट के ‘कंट्री ऑफ ओरिजिन’ का जिक्र अनिवार्य होगा.
बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को कई नियमों का पालन करना होगा. हालांकि छोटी कंपनियों के लिए नियमों का पालन चुनौती भरा होगा. नए नियमों का पालन कराने के लिए आईटी एक्ट में कुछ जरूरी बदलाव करने पड़ सकते हैं.
एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स पर भी सख्ती बढ़ी
अब एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स के ग्राहकों की शिकायतों को गंभीरता से लेना होगा. खराब कस्टमर सर्विस पर उनके कमीशन में कटौती होगी. डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन, ग्राहक सेवा से लिंक होगा. नए नियम 1 अगस्त,2020 से लागू हो सकते हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय ने नए स्ट्रक्चर को मंजूरी दे दी है. अब समय पर सिलेंडर नहीं मिला तो कमीशन कट जाएगा. डिजिटल पेमेंट से मना करने पर कमीशन नहीं मिलेगा. कमीशन 85-15 फीसदी के अनुपात में तय होगा. हालांकि कोरोना के चलते कमीशन बढ़ाने पर विचार हो रहा है. कमीशन 8-10 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है.