New Rules of Insurance Sector: 1 अप्रैल से बदल गए इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़े कई नियम, जानिए आम लोगों पर पड़ेगा क्या असर
Insurance Sector: वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही कई फाइनेंशियल रूल्स में बदलाव हुए हैं. ऐसा बदलाव इंश्योरेंस सेक्टर में भी हुआ है. आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में.
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Insurance Sector New Rules: 1 अप्रैल यानी नए वित्त वर्ष की शुरुआत (Financial Rules Changed From 2023-24) के साथ ही कई वित्तीय नियमों (Financial Rules) में बड़े बदलाव हुए हैं. इसमें बीमा क्षेत्र से जुड़े कई बदलाव (Insurance Rules) शामिल हैं. इस वित्त वर्ष से एक खास तरह के बीमा के प्रीमियम (Insurance Premium) पर आपको किसी तरह टैक्स छूट (Tax Rebate) का लाभ नहीं मिलेगा. इसके साथ ही बीमा के खर्च और कमीशन की सीमा में भी कई बड़े बदलाव किए गए हैं. ऐसे में अगर आप भी इस वित्त वर्ष में नई बीमा पॉलिसी खरीदने जा रहे हैं तो इन बदलावों के बारे में जानकारी प्राप्त करना बेहद आवश्यक है.
5 लाख रुपये से अधिक के प्रीमियम पर देना होगा टैक्स
गौरतलब है है कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही अब ज्यादा प्रीमियम वाली पॉलिसी में निवेश करने पर ग्राहकों को ज्यादा टैक्स चुकाना होगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि पहले इस पर निवेशकों को किसी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ता था. मगर अब सालाना 5 लाख रुपये से अधिक की प्रीमियम राशि पर निवेशकों को टैक्स का भुगतान करना होगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि IRDAI ने यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) को इस नए इनकम टैक्स नियम से बाहर रखा है. ऐसे में ULIP की 5 लाख रुपये सालाना से ज्यादा की प्रीमियम पर भी आपको टैक्स छूट का लाभ मिलता रहेगा.
कमीशन में हुए यह बदलाव
बीमा नियामक IRDAI में प्रबंधन के खर्च और कमीशन की सीमा में बदलाव किया है जिसे आज से लागू कर दिया गया है. IRDAI ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए इंश्योरेंस कमीशन के एजेंट या एग्रीगेटर्स पर लगी सीमा को हटाने का फैसला किया है. पहले IRDAI ने अपने ड्रॉफ्ट में यह प्रस्तावना रखी थी कि कमीशन को कुल खर्च का 20 फीसदी तक ही रखा जाए. अब इस सीमा को हटा दिया गया है. अब इसका निर्धारण बीमा कंपनियां खुद कर सकती हैं.
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