Mutual Fund Inflows: शेयर बाजार (Share Market) में भारी उठापटक के चलते नवंबर 2024 में म्यूचुअल फंड्स इंफ्लो (Mutual Fund Inflows) में महीने दर महीने 75 फीसदी की गिरावट आई है. नवंबर में म्यूचुअल फंड्स की सभी स्कीमों में कुल 60,363 करोड़ रुपये का निवेश आया है जो अक्टूबर 2024 में 2.39 लाख करोड़ रुपये रहा था. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Equity Mutual Funds) में इंफ्लो में 14 फीसदी की गिरावट आई है और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में नवंबर में 35,943 करोड़ रुपये का निवेश आया है जो अक्टूबर 2024 में 41,886 करोड़ रुपये का निवेश आया था.
नवंबर में SIP निवेश रहा फ्लैट
एम्फी (Association of Mutual Funds of India) के डेटा के मुताबिक नवंबर 2024 में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plans) के जरिए आने वाला निवेश फ्लैट रहा है. नवंबर में म्यूचुअल फंड्स की एसआईपी स्कीमों के जरिए 25,320 करोड़ रुपये का निवेश आया है जबकि अक्टूबर 2024 में 25,323 करोड़ रुपये का निवेश आया था. नवंबर में कुल 49.46 लाख नए एसआईपी (SIP) रजिस्टर्ड हुए हैं जिसकी संख्या अक्टूबर में 63.70 लाख रही थी. हालांकि कुल एसआईपी अकाउंट्स (SIP Accounts) की संख्या अपने सर्वाधिक स्तर 10.23 करोड़ रही है जो अक्टूबर में 10.12 करोड़ रही थी.
मंथली SIP 25000 करोड़ रुपये के ऊपर
एम्फी के सीईओ वेंकट चलासानी ने डेटा पर कमेंट करते हुए कहा, मंथली एसआईपी इंफ्लो 25000 करोड़ रुपये के ऊपर बना हुआ है. छोटी अवधि में बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद ये निवेशकों के लंबी अवधि के लिए निवेश के विजन और वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के कमिटमेंट को प्रदर्शित करता है. उन्होंने कहा, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एसआईपी इंफ्लो को आकर्षित करने की क्षमता लंबी अवधि में वैल्यू डिलिवर करने के निवेशकों के वोट ऑफ कॉंफिडेंस को दिखाता है.
बाजार में उठापटक के चलते निवेशक हुए सतर्क
मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने एम्फी डेटा पर कहा, नवंबर महीने में अलग अलग मैक्रो-इकोनॉमिक कारणों, भू-राजनीतिक इवेंट्स और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के चलते बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला था. इसके चलते निवेशकों ने बड़ी रकम डालने से पहले इंतजार करना बेहतर समझा. इसी के चलते नवंबर 2024 में एकमुश्त निवेश घटा है साथ ही एसआईपी निवेश भी फ्लैट रहा है. उन्होंने कहा, हायर-रिस्क कैटगरी के तरफ भी रेटोशन देखा जा रहा है. एनएफओ से जुड़ी एक्टिविटी के ग्रोथ की रफ्तार धीमी हुई है.
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