वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) समाप्त हो चुका है और इस महीने के साथ-साथ नया वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) शुरू हो चुका है. इसके साथ ही अब जल्दी ही इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने का नया सीजन शुरू होने वाला है. हर कोई खासकर टैक्सेबल स्लैब में आने वाले लोग ज्यादा से ज्यादा टैक्स बचाने की हरसंभव जुगत करते हैं. यह काम पहले से ही कम पेचीदा नहीं था. अब दो प्रकार की कर व्यवस्था ने टैक्सपेयर्स के लिए मुश्किलें ज्यादा कर दी हैं. आइए जानते हैं कि आपके लिए कौन सी कर व्यवस्था बेहतर है...


नई कर व्यवस्था पर सरकार का जोर


सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि इनकम टैक्स भरने के लिए अभी दो विकल्प (Income Tax Regime) मिलते हैं. एक विकल्प है, पहले से मौजूद पुरानी कर व्यवस्था यानी ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) है, जबकि दूसरा विकल्प है नई कर व्यवस्था यानी न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime). सरकार नई कर व्यवस्था को आकर्षक बनाने का प्रयास कर रही है, क्योंकि भविष्य में सरकार की योजना सिर्फ एक कर व्यवस्था को ही रखने की है. इसी कारण फरवरी महीने में बजट में नई कर व्यवस्था में कुछ बदलाव किया गया, ताकि इसे अधिक आकर्षक बनाया जा सके. हालांकि दो विकल्पों के मौजूद होने से करदाताओं के सामने भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है, कि उनके लिए कौन सा विकल्प चुनना बेहतर है.


इस टैक्स कैलकुलेटर की ले सकते हैं मदद


हम आपके लिए इसे आसान बनाने का प्रयास कर रहे हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी दोनों में से उचित विकल्प चुनने में करदाताओं की मदद करने के लिए एक टैक्स कैलकुलेटर (Income Tax Calculator) पेश किया है, जो उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है. इसकी मदद से भी आप दोनों टैक्स रिजीम के तहत अपनी सेविंग्स में तुलना कर अपने लिए बेहतर विकल्प का चयन कर सकते हैं.


पुरानी व्यवस्था में कर सकते हैं ये क्लेम


सबसे पहले मान लेते हैं कि आपकी ग्रॉस सैलरी 10 लाख रुपये सालाना है. आपने होम लोन लेकर अपना घर खरीदा है और हर साल 02 लाख रुपये उसका ब्याज भरते हैं. Standard Deduction के बाद दोनों टैक्स व्यवस्था में आपकी टैक्सेबल इनकम घटकर 9,50,000 रुपये रह जाती है. Old Tax Regime में होम लोन के ब्याज के रूप में चुकाए गए पैसे इनकम से घटा दिए जाएंगे, तो पुरानी व्यवस्था में आपकी Gross Total Income 7 लाख 50 हजार रुपये रह जाएगी. जबकि नई टैक्स रिजीम में यह 9,50,000 रुपये ही रहेगी, क्योंकि इस विकल्प में होम लोन के ब्याज पर छूट क्लेम करने की सुविधा नहीं है. 1.50 लाख रुपये के डिडक्शन को क्लेम करने के बाद पुरानी व्यवस्था में टोटल इनकम 6 लाख रुपये बचेगी, जबकि नई टैक्स रिजीम में यह 9 लाख 50 हजार रुपये ही रहेगी.


पुरानी व्यवस्था में होगी इतनी बचत


पुरानी टैक्स व्यवस्था में 6,00,000 रुपये पर कुल Total Tax Liability 33,800 रुपये बनेगी, जबकि New Tax Regime में आपकी टैक्स देनदारी 54,600 रुपये होगी. ऐसे में ओल्ड टैक्स रिजीम को चुनने पर आपको 20,800 रुपये की बचत होगी...


अब मान लेते हैं कि आप जिस शहर में अभी नौकरी कर रहे हैं, वहां आप किराए पर रहते हैं. जबकि आपने इससे पहले किसी अन्य शहर में घर ले लिया था, जिसे आपने होम लोन लेकर खरीदा था और वहां अभी आपके परिवार के लोग रह रहे हैं. ऐसी स्थिति में आप होम लोन के ब्याज की छूट के साथ-साथ HRA भी क्लेम कर सकते हैं.


मान लीजिए कंपनी से HRA के रूप में आपको साल में 1 लाख 60 रुपये मिलते हैं. ऐसे में इसका फायदा उठाने के बाद पुरानी कर व्यवस्था में आपकी टैक्स देनकारी शून्य हो जाएगी. इसका मतलब हुआ कि नई कर व्यवस्था की तुलना में पुरानी व्यवस्था को चुनने पर टैक्स के रूप में पूरे 54,600 रुपये की बचत होगी. हालांकि इस मामले में पुरानी कर व्यवस्था आपके लिए सिर्फ तभी फायदेमंद है, जब आप कम से कम 3 लाख रुपये के डिडक्शंस क्लेम करते हों.


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