ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने एक अनुमान में कहा है कि फाइनेंशियल ईयर 2028 में नेशनल हाईवे ऑथिरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के कर्ज चुकाने की लागत 50 हजार करोड़ रुपये से बढ़ जाएगी. मंत्रालय ने इसे पॉर्लियामेंट स्टैंडिंग कमेटी से भी शेयर किया. सरकार के अनुमान के अनुसार अगले पांच सालों में कर्ज चुकाने की पूरी राशि आउट गो इंटरेस्ट और बांड रिडेम्पशन मिलाकर 20.5% तक पहुंच जाएगी. 2017-18 और 2021-22 के बीच एनएचएआई के कर्ज में बढ़ोतरी हुई थी. सरकार ने 2022-23 में ज्यादा लोन कॉन्ट्रैक्ट करने पर रोक लगा दिया था.
परिवहन मंत्रालय के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2028 में NHAI के कर्ज की राशि 33,261 करोड़ रुपये से बढ़कर 53,239 करोड़ रुपये हो जाएगी. हाल में नीति आयोग सड़क प्रोजेक्ट के इवेल्यूशन स्टडी और एनएचएआई (NHAI) के कामकाज में सपोर्ट के लिए कंसल्टेंट को बिड के लिए बुलाया है.
पिछले साल NHAI का कर्ज 3.48 ट्रिलियन था
मार्च 2022 में एनएचआई का कुल कर्ज 3.48 ट्रिलियन रुपये था, वहीं 2014 में यह कर्ज 23,797 करोड़ रुपये था. इस कर्ज का बड़ा हिस्सा 3.27 ट्रिलियन 2017-18 और 2021-22 के बीच कांट्रैक्ट किया गया था. यह पैसा बांड के द्वारा 112 किश्तों में जुटाया गया था, जिसका आखिरी किश्त 2050 में मैच्योर होगा. कर्ज के अलावा एनएचआई की कॉन्टिन्जेंट लायबिलिटी भी है, जिसमें ज्यादातर कॉनट्रैक्टर और डेवलपर्स के साथ विवादित है. NHAI पर 31 मार्च, 2020 तक 71,765 करोड़ रुपये की कॉन्टिन्जेंट लायबिलिटी है.
फाइनेंशियल ईयर 2028 में एनएचआई को मिलने वाले 1.62 ट्रिलियन रुपये में से 20,807 करोड़ रुपये PBFF से, 10,000 करोड़ एसेट मोनेटाइजेशन से, 1,400 करोड़ रुपये CRIF से मिलेंगे. अधिकारी के अनुसार हाईवे बनाने में बीओटी की हिस्सेदारी 10 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य है. 2007 से 2014 के बीच हाईवे बनाने के लिए सिर्फ बीओटी-टोल का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन उसके बाद यह बंद हो गया था. 2018-19 और 2019-20 में बीओटी मॉडल पर कोई प्रोजेक्ट नहीं दिया गया.
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