Nifty 50: भारतीय स्टॉक मार्केट में पिछले कुछ सालों से लगातार तेजी आती जा रही है. जीडीपी ग्रोथ के मजबूत आंकड़े, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर्स में आ रही तेजी और एफपीआई (FPI) के साथ-साथ डॉमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (DII) एवं रिटेल इनवेस्टर्स द्वारा अरबों रुपये भारतीय इक्विटी में डाले जाने के चलते स्टॉक मार्केट उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. इस दौरान निफ्टी 50 (Nifty 50) भी नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है. इसने मंगलवार को पहली बार 26,000 प्वॉइंट का आंकड़ा पार किया है. निफ्टी पिछले 37 ट्रेडिंग सेशन में ही 25,000 से 26,000 प्वॉइंट तक पहुंच गया है. हालांकि, इसकी क्लोजिंग 25,940.40 प्वॉइंट पर हुई. फेड रिजर्व (US Federal Reserve) द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद यह 2 फीसदी उछल चुका है. 


9 महीने में निफ्टी 50 बार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा


शेयर मार्केट में तेजी का आलम यह है कि पिछले 9 महीने में निफ्टी 50 बार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुका है. साल 2024 में ही यह 19.36 फीसदी बढ़ चुका है. साल 2023 में निफ्टी में करीब 20 फीसदी का उछाल आया था. इस साल 9 में से 7 महीने निफ्टी में उछाल आया है. जून में यह सबसे ज्यादा 6.57 फीसदी बढ़ा है. जुलाई में यह 4 फीसदी बढ़ा है. इतनी हाई वैल्यूएशन के बाद भी ग्लोबल इनवेस्टर्स की रुचि भारतीय स्टॉक मार्केट में बनी हुई है. भारतीय इकोनॉमी के वित्त वर्ष 2025 में 7.2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है. 


बैंक निफ्टी भी लाइफटाईम हाई पर पहुंच गया


मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 84,914.04 प्वॉइंट और एनएसई निफ्टी 25,940.40 प्वॉइंट पर क्लोज हुआ था. निफ्टी पहली बार 26,011.55 प्वॉइंट के रिकॉर्ड लेवल पर भी पहुंच गया था. सेंसेक्स भी 85,163.23 प्वॉइंट के नए ऑलटाइम हाई लेवल पर पहुंच गया था. बैंक निफ्टी (Bank Nifty) भी 54,247.70 के लाइफटाईम हाई पर पहुंच गया था. इसके बाद यह 53,968 प्वॉइंट पर बंद हुआ. बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन 476.01 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है.


63 साल में बन पाए थे हम 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी


हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारतीय इकोनॉमी (Indian Economy) हर 1.5 साल में 1 ट्रिलियन डॉलर बढ़ सकती है. यह 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकती है. इसके साथ ही भारत 2030 में ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी. भारत ने 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने के लिए 1947 से लेकर 2010 तक 63 साल लगाए थे. इसके बाद तेजी से भागते हुए 2017 में 2 ट्रिलियन डॉलर और 2020 में 3 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का आंकड़ा छू लिया था. 


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