Stock Market Update: फेड रिजर्व के 3.25 फीसदी तक ब्याज दरें बढ़ाने के बाद माना जा रहा है 115 बेसिस प्वाइंट फेड और ब्याज दरें बढ़ा सकता है. महंगाई पर काबू पाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. लेकिन केवल मॉनिटरी पॉलिसी के जरिए महंगाई कम नहीं किया जा सकता है. फेड 2025 तक 2 फीसदी महंगाई दर का लक्ष्य लेकर चल रहा है. ये बयान बताने के लिए काफी है कि अमेरिका में कोई मंदी नहीं है. क्योंकि मंदी होती तो महंगाई दर 2 फीसदी के लेवल पर फौरन आ जाती 2025 तक इंतजार नहीं करना पड़ता. आपको महंगाई के साथ जीना सीखना होगा और मंदी की बात मौके का फायदा उठाने के लिए किया जा रहा है.
फेड ऐसा नहीं करता तो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के 90,000 करोड़ रुपये के निवेश के बाद निफ्टी 21,000 पर होता. सच तो ये है कि फेड रिजर्व भी मंदी की बात नहीं कर रहा है. अर्थशास्त्री भी मानते होंगे कि महंगाई पर नकेल कसने के लिए ब्याज दरें बढ़ाना सही तरीका नहीं है. नगदी ही सबसे ज्यादा प्रभाव डालती है. कमोडिटी ही मंदी की सही पहचान है. अगर जेएसडब्ल्यू, टाटा स्टील, जिंदल और अडानी विस्तार करना या अधिग्रहण छोड़ दें तो मैं मंदी की चिंता करना शुरू कर दूंगा. मैंनै स्टील सेक्टर में विस्तार को लेकर पहले बात की है. दूसरा सेक्टर सीमेंट है. अडानी के अंबुजा सीमेंट और एसीसी के अधिग्रहण और अल्ट्राटेक को पीछे छोड़ने की ललक से साफ स्पष्ट है कि सीमेंट सबसे बेहतरीन सेक्टर है.
अमेरिका 30,000 के नीचे नहीं गया और 15 फीसदी की बढ़त देखी गई. फेड की अगली बैठक नवंबर में है और 75 बेसिस प्वाइंट ब्याज दर बढ़ाने का अनुमान है. उसके बाद 40 बेसिस प्वाइंट और बढ़ाया जा सकता है. अगर अमेरिका में महंगाई दर 8 फीसदी से कम हुआ तो डाओ 35000 तक जा सकता है.
अब हमें बात स्टॉक्स की करनी चाहिए. हमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के साथ जाना चाहिए. पहले वे गिराते हैं फिर उठाते हैं. जब वें गिराये तो हमें निचले स्तरों पर खरीदना चाहिए. और जब वे ना रहे तो हमें आगे रहते हुए स्टॉक्स खरीदना चाहिए.
इंटरनेट के चलते हमें लगता है कि हम सब जानते हैं जहां सारी जानकारियां उपलब्ध है. लेकिन इसी प्रकार हम जाल में फंस जाते हैं. जब बाजार 15,200 पर था. मीडिया के जरिए ब्रोकर 14500 जाने की बात कर रहे थे. यहीं हम फंस गए. 15,200 से हम 18,100 के लेवल पर आ गए. मैंने तब जो कहा उसे लोगों ने अनसुना कर दिया. लेकिन जिन लोगों ने सीएनआई टीम को फॉलो किया उन्होंने 3 महीने में चुपचाप बहुत पैसे बनाए. कई स्टॉक दोगुना हो गया.
अब हमें ऐसे स्टॉक्स पर फोकस करना चाहिए जिसे बाजार ने अभी स्वीकार नहीं किया है. जिसमें जीटीवी इंजीनिरिंग, विपुल आर्गनिक्स, आरडीबी रसायन, मेटल कोटिंग, आर्टिफेक्ट, एम के एक्सिम, इंटीग्रा इंजीनियरिंग, अल्पाइन हाउसिंग, सुनील एग्रो फूड्स, त्रिवेणी ग्लास और ग्लोबल ऑफशोर शामिल है. इन स्टॉक्स का वॉल्यूम कम है और सही मायने में भविष्य में वेल्थ क्रिएटर बनने वाले हैं. सबसे में कुछ हिडेन ट्रीगर है और बाजार उन्हें तब स्वीकार करेगा जब ये पांच गुना बढ़ चुके होंगे. हम उन्हीं स्टॉक्स पर फोकस करेंगे जिन्हें बाजार अभी नजरअंदाज कर रहा है.
डाओ हो या निफ्टी दोनों ही ओवरसोल्ड हो चुके हैं. हम निफ्टी की नई ऊंचाई से बहुत दूर हैं जो हम दिवाली के पहले देख सकते हैं. फेड की अगली बैठक नवंबर में है और क्या पता महंगाई में कमी आई तो डाओ में 15 फीसदी का उछाल आ सकता है. निफ्टी के 18,600 तक जाने की उम्मीद करना कोई गलत नहीं है.
समझदारी दिखाने की जरुरत है. अंडरवैल्यू डायनमिक स्टॉक्स में निवेश करने की जरुरत है. बाजार में चढ़ना और उतरना दोनों लगा रहता है. जब भी बाजार में भारी गिरावट आए अच्छी जगह निवेश करना चाहिए.
(लेखक के निजी विचार हैं.)
किशोर पी ओस्तवाल
सीएमडी
सीएनआई रिसर्च लिमिटेड