Competition Commission of India: ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज और निरमा लिमिटेड को बीच होने वाले सौदे को कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) की मंजूरी मिल गई है. इसके साथ ही फार्मा कंपनी की बिक्री का रास्ता साफ हो गया है. सीसीआई की मंजूरी के बाद निरमा अब ग्लेनमार्क में मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीद सकेगी. यह सौदा लगभग 5651 करोड़ रुपये का है.
सोशल मीडिया पोस्ट में दी जानकारी
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट के जरिए इस फैसले की जानकारी दी उन्होंने लिखा कि निरमा लिमिटेड को ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज के मेजॉरिटी शेयर खरीदने की मंजूरी दे दी गई है. ग्लेनमार्क दवाइयों के विकास और निर्माण क्षेत्र में कार्यरत है.
साबुन और औद्योगिक उत्पाद बनाती है निरमा
अहमदाबाद स्थित कंपनी निरमा को डिटर्जेंट, साबुन और डिशवॉश बार बनाने के लिए जाना जाता है इसके अलावा कंपनी सोडा एश, लीनियर अल्काइल बेंजीन, अल्फा ओलेफिन सल्फोनेट्स, फैटी एसिड, ग्लिसरीन और सल्फ्युरिक एसिड कैसे औद्योगिक उत्पाद भी बनाती है
खरीदेगी ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज की 75 फीसदी हिस्सेदारी
इस साल सितंबर में ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल के बोर्ड ने अपनी सब्सिडरी ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज की 75 फीसदी हिस्सेदारी निरमा को बेचने का फैसला किया था. इस सौदे पर निरमा 5651.5 करोड़ रुपये खर्च करेगी इसके बाद यह सौदा सीसीआई के पास मंजूरी के लिए गया था
क्या करता है सीसीआई
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग का उद्देश्य बाजार में स्वच्छ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है. यह आयोग सुनिश्चित करता है कि कंपनियों के किसी भी तरह के गठजोड़ से उपभोक्ताओं के हित प्रभावित न हों. जून, 2012 में आयोग ने 11 सीमेंट कंपनियों पर कार्टेल बनाकर रेट तय करने का दोषी ठहराते हुए 6000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. आयोग की नजर हमेशा फायदे के लिए बन रहे कंपनियों के गठजोड़ पर रहती है. साथ ही ऐसे किसी भी सौदे को आयोग से मंजूरी नहीं मिलती, जिसकी वजह से कंज्यूमर प्रभावित हो सकता हो. यह बाजार में कम्पटीशन बनाए रखता है ताकि ताकि उपभोक्ताओं को अपनी खरीद का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सके.
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