नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और विपक्ष ने देश के टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर्स के कर्ज को बट्टे खाते में डालने के मुद्दे पर केंद्र सरकार और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को घेरा था. वित्त मंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए राहुल गांधी को जवाब दिया है और पूरी तरह साफ किया है कि इन विलफुल डिफॉल्टर्स का कर्ज माफ नहीं किया गया है और इस बारे में उन्हें अपनी समझ को और बढ़ाना चाहिए.


वित्त मंत्री ने कहा है कि बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वालों के बकाये को बट्टे खाते में डाले जाने के मुद्दे पर कांग्रेस बिना किसी आधार के तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रही है. कांग्रेस को लोन के राइट ऑफ और कर्ज माफी के बीच के अंतर को जानना चाहिए और बिना जानकारी के गलत बयानी नहीं करनी चाहिए.



राहुल गांधी और कांग्रेस पर पलटवार करते हुये वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले जितने भी डिफॉल्टर हैं उन सभी को कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के समय में ‘फोन बैंकिंग’ का फायदा मिला था, जबकि मोदी सरकार बकाये की वसूली के लिये उनकी धरपकड़ में लगी है.



निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुये यह बात भी कही कि ये मोदी सरकार ही है जो इन विलफुल डिफॉल्टर्स से बकाया निकालने में लगी है, सरकार ने 9967 रिकवरी सूट्स फाइल किए हैं, 3515 एफआईआर दर्ज की हैं. फ्यूजिटिव एमेंडमेंट एक्ट के तहत सरकार कार्रवाई कर रही है.


सीतारमण ने आगे के ट्वीट में लिखा कि राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. वह कांग्रेस के मूल चरित्र की तरह बिना किसी संदर्भ के तथ्यों को सनसनी बनाकर पेश कर रहे हैं.


क्या है मामला
दरअसल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक आरटीआई में भारतीय रिजर्व बैंक के विलफुल डिफॉल्टर्स की लिस्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्होंने संसद में सरकार से बैंक घोटालेबाजों के नाम पूछे थे लेकिन इनके नाम छिपाए गए हैं. राहुल गांधी ने ट्वीट भी किया था कि-संसद में मैंने एक सीधा सा प्रश्न पूछा था- मुझे देश के 50 सबसे बड़े बैंक चूककर्ताओं के नाम बताइए. वित्तमंत्री ने जवाब देने से मना कर दिया. अब रिजर्व बैंक ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित बीजेपी के कई 'मित्रों' के नाम इस लिस्ट में डाले गए हैं.


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