वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अभी भारत के सबसे शक्तिशाली लोगों में गिना जाता है. वह न सिर्फ भारत की पहली महिला वित्त मंत्री हैं, बल्कि सबसे लंबे समय तक लगातार वित्त मंत्री रहने वालों में से भी एक हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने कभी इसके बारे में सोचा नहीं था. उन्होंने खुद बताया है कि वे सपने में भी वित्त मंत्री बनने के बारे में नहीं सोचती थीं. हालांकि वह न सिर्फ इस शीर्ष पद तक पहुंची हैं, बल्कि कई रिकॉर्ड बनाए जा रही हैं.


कोयम्बटूर में थीं सीतारमण


न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री मंगलवार को कोयम्बटूर के पीएसजी आर कृष्णम्मल कॉलेज फोर वुमेन में एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रही थीं. उसी दौरान उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए अपनी यात्रा के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने जीवन में वो सब हासिल किया, जिसका उन्होंने सपना तक नहीं देखा था और इस पूरी यात्रा में उन्हें किस तरह से मदद मिलती रही.


भगवान ने की वित्त मंत्री की मदद


बकौल सीतारमण, उनके पास कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी और उसके बाद भी वह एक दिन वित्त मंत्री बन जाती हैं. क्या उन्होंने कभी ऐसी कल्पना भी की थी... वह खुद बताती हैं- कभी नहीं. उन्होंने आध्यात्मिक होते हुए बताया कि हर किसी को सिर्फ भगवान से प्रार्थना करते रहने के बजाय साथ में प्रयास भी करने चाहिए. हालांकि यह भी कभी नहीं भूलना चाहिए कि बिना भगवान की इच्छा के कोई अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाता है.


ऐसी प्रार्थना करती हैं वित्त मंत्री


वित्त मंत्री ने बताया कि जब भी उनके सामने मुश्किलें आती हैं, वे खुद को याद दिलाती हैं कोई अदृश्य ताकत है जो हम सबको मजबूत बनाती है. उन्होंने कहा, मैं हमेशा मानती हूं कि भगवान मुझे यहां तक लेकर आए हैं और अब वही इस मुश्किल से पार निकलने का रास्ता देंगे. मैं यही प्रार्थना भी करतीर हूं.


बांटे गए 3,749 करोड़ रुपये के कर्ज


वित्त मंत्री ने मंगलवार को कोयम्बटूर में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने एक कार्यक्रम में 1 लाख से ज्यादा लाभार्थियों के बीच 3,749 करोड़ रुपये के कर्ज का वितरण किया. ये कर्ज क्रेडिट आउटरीच प्रोग्राम के तहत दिए गए. सभी लाभार्थी कोयम्बटूर क्षेत्र के थे. वित्त मंत्री ने बताया कि 23,800 लोगों को रिटेल लोन दिए गए, जबकि 2,904 लोगों को मुद्रा योजना के तहत कर्ज मिले. इनके अलावा लाभार्थियों में क्रॉप लोन लेने वाले किसान भी शामिल रहे.


इस तरह शुरू हुआ करियर


निर्मला सीतारमण की बात करें तो उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत 2014 में हुई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में उन्हें जूनियर मंत्री बनाया गया. वह 2014 से 2017 तक स्टेट मिनिस्टर रहीं. इस दौरान उनके पास फाइनेंस से लेकर कॉरपोरेट अफेयर्स जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी आई. 2019 में वे पूर्णकालिक वित्त मंत्री बन गईं, उसके साथ ही वह इस उपलब्धि को पाने वाली पहली महिला भी बन गईं. उन्हें 2022 में फोर्ब्स ने दुनिया की सबसे ताकतवर 100 महिलाओं की सूची का हिस्सा बनाया था, जबकि फॉर्च्यून ने उन्हें सबसे ताकतवर भारतीय महिला बताया था.


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