Nirmala Sitharaman: देश के आर्थिक विकास पर पूरी दुनिया को भरोसा है. उम्मीद जताई जा रही है कि भारत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (Third Largest Economy) बन जाएगा. एक फरवरी को अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश करने जा रहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पूरा भरोसा जताया है कि देश 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा. हालांकि, उन्होंने व्यापार बढ़ाने के लिए प्रयास करने पर जोर दिया. 


5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी का है लक्ष्य


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने व्यापार के विकास और भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी का लक्ष्य हासिल करने में मदद करने के लिए सीमा शुल्क विभाग से अपील की है. उन्होंने कहा कि कस्टम्स डिपार्टमेंट (Customs Department) को अपना पूरा ध्यान व्यापार बढ़ाने में लगाना चाहिए. यदि कस्टम्स डिपार्टमेंट ने नवीन प्रयोग किए तो 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी का लक्ष्य पूरा हो जाएगा.


कस्टम्स डिपार्टमेंट को निभानी होगी प्रमुख भूमिका 


वित्त मंत्री ने शनिवार को कहा कि कस्टम्स डिपार्टमेंट ने फेसलेस असेसमेंट और सिंगल विंडो क्लीयरेंस जैसी पहल की है. इसमें व्यापार की जरूरतों के हिसाब से विकास किए जाने चाहिए. 5 ट्रिलियन डॉलर (5 trillion Dollars) के लक्ष्य में कस्टम्स डिपार्टमेंट की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है. इस लक्ष्य में सभी को अपना योगदान देना चाहिए.


व्यापार करने की प्रक्रिया आसान बनानी होगी


अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस 2024 के अवसर पर एक लिखित संदेश में निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत के 'अमृत काल' (Amrit Kaal) के दौरान राष्ट्र निर्माण के लिए व्यापार करने की प्रक्रिया आसान बनानी होगी. सभी को साथ आकर देश के नागरिकों के हित में काम करना होगा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष इंटरनेशनल कस्टम्स डे (International Customs Day) की थीम ‘परंपरागत और नए साझेदारों को उद्देश्य से जोड़ने वाला सीमा शुल्क’ रखी गई है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सबका साथ सबका विकास' के उद्देश्य का एक हिस्सा है.


कस्टम्स डिपार्टमेंट की योजनाओं की तारीफ की 


सीतारमण ने कहा कि भारत को 2027-28 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रत्येक भागीदार को सहयोग करने की आवश्यकता है. इससे देश की जीडीपी 5 ट्रिलियन डालर से अधिक हो जाएगी. उन्होंने कहा कि कस्टम्स डिपार्टमेंट द्वारा शुरू की गईं फेसलेस असेसमेंट, डायरेक्ट पोर्ट डिलीवरी, सिंगल विंडो क्लीयरेंस और एईओ स्कीम उद्देश्य पूर्ती में अहम रोल निभा रही हैं.


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