India GDP: भारत की आर्थिक विकास दर को लेकर हाल-फिलहाल में काफी संस्थानों, रेटिंग एजेंसियों ने अपने विकास पूर्वानुमान को जारी किया है. इस सिलसिले में विदेशी संस्थानों के साथ-साथ आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी रहने की उम्मीद जताई है. इसी कड़ी में आज नीति आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन ने भी देश की आर्थिक विकास दर को लेकर अनुमान जताया है.


नीति आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने दिया पूर्वानुमान


नीति आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर लगभग 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले नौ साल में जो सुधार किए हैं, उससे देश की व्यापक आर्थिक स्थिति को फायदा हो रहा है.


आठ फीसदी से ज्यादा की आर्थिक विकास दर की जरूरत- राजीव कुमार


राजीव कुमार ने यह भी कहा कि भारत को आठ फीसदी से ज्यादा की आर्थिक विकास दर की जरूरत है और देश ऐसा करने में सक्षम है. देश की युवा आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करने और अपने कार्यबल के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा करने के लिए आर्थिक विकास दर को इस स्तर पर लाना जरूरी है.


भारत की जीडीपी 6.5 फीसदी पर रहेगी- राजीव कुमार


उन्होंने बातचीत में कहा, "मेरा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी विकास दर 6.5 फीसदी रहेगी. मुझे लगता है कि हम अगले कुछ साल इस विकास दर को आसानी से बनाए रख सकते हैं." भारत की जीडीपी विकास दर 2022-23 में 7.2 फीसदी रही थी, जो 2021-22 के 9.1 फीसदी से कम है.


भारतीय रिजर्व बैंक ने भी दिया है समान अनुमान


भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रह सकती है. राजीव कुमार ने आगे कहा कि भारत का चालू खाता घाटा संभाला जा सकता है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 11 महीने के आयात को पूरा करने के लिए पर्याप्त है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जारी है.


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