Adani Bribery Case: अमेरिकी अदालत के रिश्वतखोरी के आरोपों में अदानी समूह और पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी प्रशासन की संलिप्तता पर अभी तक हिंदुस्तान खास कर आंध्र प्रदेश में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस बीच इस कथित घोटाले पर मौजूदा टीडीपी सरकार ने और सबूतों के इंतजार का फैसला किया है.


आंध्र प्रदेश के सूचना प्रसारण मंत्री ने क्या कहा


गुरुवार को कैबिनेट की मीटिंग के बाद एबीपी न्यूज़ के सवाल पर राज्य के सूचना प्रसारण मंत्री के पार्थसारथी ने स्पष्ट कर दिया की सरकार अभी इंतजार करने के पक्ष में है और मामला चूंकि अमेरिका में चल रहा है इसलिए वो जांच रिपोर्ट का इंतज़ार करेगी. 


मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने ऑफ कैमरा पर क्या कहा


इस बीच मीडिया से एक ऑफ कैमरा आन रिकार्ड मुलाकात में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि बिना ठोस सबूतों के किसी भी समझौते को रद्द करना संभव नहीं है, क्योंकि इससे राज्य को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है. नायडू ने कहा "हम तब तक किसी समझौते से पीछे नहीं हट सकते जब तक ठोस सबूत नहीं मिलते. हमें और तथ्य सामने लाने की जरूरत है, अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी."


नवंबर में सामने आया था मामला


यह मामला नवंबर में सामने आया था, जब अमेरिका में घूसखोरी के आरोपों की खबरें सामने आईं थीं. 22 नवंबर को नायडू ने राज्य विधानसभा में इस मामले को "नुकसानदेह" करार देते हुए कहा था कि सरकार तथ्यों को जांच रही है और उचित कार्रवाई के लिए कदम उठाएगी. नायडू ने इस विवाद को तिरुपति लड्डू में मिलावट के उदाहरण से जोड़ा. उन्होंने कहा, "अगर मुझे इस मुद्दे पर जगन के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी, तो यह एक लड्डू अवसर है, लेकिन मैं प्रतिशोध की राजनीति में विश्वास नहीं करता. यही टीडीपी और वाईएसआरसीपी के बीच का अंतर है."


आंध्र प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाने वाला केस


अमेरिकी आरोपों ने और पूर्व जगन सरकार और अडानी की कथित संलिप्तता ने ना सिर्फ आंध्र प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी थी बल्कि केंद्र में कांग्रेस भी कार्रवाई की मांग को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है. ऐसे में एनडीए के महत्वपूर्ण घटक दल टीडीपी की इस मुद्दे पर वेट एंड वॉच मूव आगे राजनीति और भड़का सकती है ऐसी संभावना है.


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