Mutual Funds: म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स को झटका, तोहफों पर एएमएफआई ने लगाई लगाम
Mutual Funds Distributors: कई मामलों में ऐसा देखा जा रहा था कि म्यूचुअल फंड के डिस्ट्रीब्यूटर्स को टारगेट पूरा करने पर फॉरेन ट्रिप समेत कई महंगे तोहफे दिए जा रहे थे...
म्यूचुअल फंड एजेंटों की विदेश यात्राओं और महंगे तोहफों पर लगाम लगने वाली है. म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एएमएफआई ने एजेंटों को फॉरेन ट्रिप और महंगे गिफ्ट देने के मामलों का संज्ञान लेते हुए म्यूचुअल फंड कंपनियों को सचेत किया है.
एएमएफआई ने इस बात पर किया सचेत
एएमएफआई ने कंपनियों से कहा है कि म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर या एजेंट सिर्फ ट्रेल कमिशन के पात्र हैं. उन्हें किसी खास एसआईपी या प्लान को बेचने के लिए फॉरेन ट्रिप या महंगे तोहफों के रूप में इन्सेंटिव नहीं मिलना चाहिए. एसेट मैनेजर तय ट्रेल कमिशन के अलावा कोई और कमिशन या इन्सेंटिव शेयर नहीं कर सकते हैं. उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं है.
क्या है ट्रेल कमिशन?
ट्रेल कमिशन म्यूचुअल फंड के डिस्ट्रीब्यूटर्स और एजेंटों की कमाई का जरिया है. कोई एजेंट या डिस्ट्रीब्यूटर किसी स्कीम में इन्वेस्टमेंट लेकर आता है और वह इन्वेस्टमेंट जब तक बना रहता है, तब तक म्यूचुअल फंड कंपनियां/एसेट मैनेजमेंट कंपनियां उन्हें एक तय शुल्क का भुगतान करती हैं, उसे ट्रेल कमिशन कहा जाता है.
सामने आए ऐसे कई मामले
हालांकि ऐसे कई मामले देखने को मिल रहे थे, जिनमें किसी खास स्कीम में निवेश लाने के लिए एजेंटों व डिस्ट्रीब्यूटरों को प्रोत्साहित किया जा रहा था. यूनिट सेल का टारगेट पूरा करने पर उन्हें एसेट मैनेजर्स के द्वारा ट्रेनिंग कैम्प के नाम पर फॉरेन ट्रिप का प्रलोभन दिया जा रहा था. मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल में सामने आए कुछ मामलों में एजेंटों को अंडमान निकोबार आइलैंड की सैर कराई जा रही थी.
की जा सकती है ऐसी कार्रवाई
एसेट मैनेजर्स खास स्कीम में निवेश लाने पर एजेंटों को फॉरेन ट्रिप के अलावा महंगे गिफ्ट भी दे रहे थे. एजेंटों को टारगेट अचीव करने पर टीवी से लेकर स्मार्टफोन समेत इलेक्ट्रॉनिक गैजेट गिफ्ट में दिए जा रहे थे. एसेट मैनेजर्स के द्वारा गिफ्ट वाउचर्स भी ऑफर किए जा रहे थे. एएमएफआई ने इन्हीं बातों को लेकर म्यूचुअल फंड कंपनियों को सचेत किया है और उन्हें इस तरह के प्रैक्टिस से दूर रहने के लिए कहा है. एएमएफआई का कहना है कि अगर निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो डिस्ट्रिब्यूटर्स के खिलाफ रजिस्ट्रेशन के टर्मिनेशन/सस्पेंशन समेत कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है.
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