GST Update: बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी की ओर से लगाये जाने वाले पेनल्टी पर अब जीएसटी नहीं लगेगा. सीबीआईसी ने सर्कुलर जारी कर ये स्पष्ट किया है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs ) ने एक सर्कुलर के जरिये यह भी साफ किया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पेमेंट एग्रीगेटर्स की मदद से 2000 रुपये तक के लेनदेन पर अब जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. 


बैंकों और एनबीएफसी के पेनल्टी शुल्क लगाने पर जीएसटी लागू होने के मुद्दे को स्पष्ट करते हुए सीबीआईसी ने कहा कि आरबीआई जिन संस्थाओं को रेगुलेट करता है, उनके पेनल्टी चार्ज अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने पर लगाए जाते हैं, और इसलिए उन पर जीएसटी लागू नहीं होगा. 


सीबीआईसी ने कहा, 55वीं जीएसटी काउंसिल की सिफारिश के अनुसार, यह स्पष्ट किया जाता है कि कर्जदार के लोन कॉन्ट्रैक्ट की भौतिक शर्तों का अनुपालन न करने पर रेगुलेटेड संस्थाओं द्वारा लगाए गए दंडात्मक शुल्क पर कोई जीएसटी देय नहीं है. एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि यह स्पष्टीकरण महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे व्याख्या संबंधी विवादों का निपटारा होगा. 


पेमेंट एग्रीगेटर्स पर जीएसटी लगाये जाने को लेकर सीबीआईसी ने कहा कि उसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, चार्ज कार्ड या अन्य भुगतान कार्ड सेवाओं के माध्यम से किए गए 2,000 रुपये तक के ट्रांजैक्शन के संबंध में पेमेंट एग्रीगेटर् को जीएसटी छूट पर स्पष्टता की मांग करने वाले आवेदन मिले थे. पेमेंट एग्रीगेटर्स ऐसी इकाइया हैं जो ई-कॉमर्स वेबसाइट और मर्चेंट्स को अपने कस्टमर्स से पेमेंट लेने में   सुविधा प्रदान करती हैं. 


सीबीआईसी ने अपने सर्कुलर में कहा कि जीएसटी छूट आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड भुगतान एग्रीगेटर्स को क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, चार्ज कार्ड या अन्य भुगतान कार्ड सेवाओं के माध्यम से 2,000 रुपये तक के ट्रांजैक्शन तक की रकम राशि के निपटान के संबंध में है, क्योंकि पेमेंट एग्रीगेटर अधिग्रहण बैंक' की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं. 


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