लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में राहत की नहीं उम्मीद
जब आप किसी भी शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड में किया गया निवेश एक साल के बाद के बेचते हैं तो अब आपको इससे हुए मुनाफे पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. इसे ही लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स कहते हैं.
नई दिल्लीः वित्त विधेयक पर जवाब से शेयर बाजार को निराशा हाथ लगेगी, क्योंकि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स यानी 1 साल रखने के बाद शेयर बेचने से मुनाफे पर टैक्स के प्रावधान मे कोई फेरबदल नहीं होने के आसार हैं. अलबत्ता सीमित रुप से इंडेक्सेशन की व्यवस्था जरुर शुरु की जा सकती है जिसका फायदा उन्हीं शेयरों को मिलेगा जिनकी खऱीद-फरोख्त 31 जनवरी तक स्टॉक एक्सचेंज पर नही हो रही थी, यानी वो अनलिस्टेड थे.
वित्त विधेयक पर लोकसभा में मंगलवार को चर्चा होने के आसार है. इस बात की संभावना काफी ज्यादा है कि शोर-शराबे मे ही वित्त विधेयक को पारित करा लिया जाएगा. सूत्रों की मानें तो तो भाजपा सांसदों को अगले तीन दिनों के लिए व्हिप जारी किया जा चुका है, यानी उन्हे संसद में मौजूद रहने के निर्देश हैं. ध्यान रहे कि नियमों के मुताबिक, लोकसभा में पेश किए जाने के 75 दिनो के भीतर-भीतर वित्त विधेयक को पारित करा लेना जरुरी है. सरकार की कोशिश है कि वित्त विधेयक समेत पूरी बजट प्रक्रिया मार्च के तीसरे हफ्ते तक पूरी करा ली जाए, जिससे कि पहली अप्रैल से बजट मे मंजूर संसाधानों का खर्च शुरु हो सके.
अब आइए समझते हैं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स
1. क्या है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स
जब आप किसी भी शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड में किया गया निवेश एक साल के बाद के बेचते हैं तो अब आपको इससे हुए मुनाफे पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. इसे ही लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स कहते हैं. हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें रखी गयी हैं मसलन
-31 जनवरी 2018 तक हुए मुनाफे पर ये टैक्स नहीं लगेगा
-1 लाख रुपये से ज्यादा के मुनाफे पर ही टैक्स लगेगा
दूसरे शब्दों में कहें तो अब तक आपने जितना मुनाफा कमा लिया है, उसे लेकर चिंतित होने की जरुरत नहीं. क्योंकि पहली फरवरी के बाद हुए मुनाफे पर ही टैक्स देना है और वो भी तब यदि अब 1 अप्रैल या उसके बाद शेयर या म्यूचुअल फंड यूनिट बेचते हैं. अघर 31 मार्च तक आपने बिकवाली की तो आपको टैक्स नहीं देना होगा.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाने का मकसद ये है कि शेयर बाजार में मोटा मुनाफा कमाने वालों से कमाई की जाए. खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली कहते हैं कि वित्त वर्ष 2016-17 (असेसमेंट इयर 2017-18) के लिए दाखिल रिटर्न से पता चला कि 3.67 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ, लेकिन उस पर 1 पैसे का भी टैक्स नहीं लगाया गया. शेयर बाजार में पिछले कुछ समय से लगातार तेजी देखने को मिल रही है. ऐसे में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाने से सरकार को कुछ अतिरिक्त कमाई होगी जिसका इस्तेमाल विभिन्न सरकारी योजनाओं पर खर्च में किया जा सकता है.
2. क्या है शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स
जब आप किसी भी शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश की तारीख से एक साल के भीतर ही निवेश वापस निकाल लेते हैं तो वहां हुए मुनाफे पर 15 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स कहते हैं. नए बजट में इस व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
3. क्या होता है इंडेक्सेशन
ये एक तकनीक है जिसके जरिए किसी भी निवेश की खरीद कीमत को मुद्रास्फिति के हिसाब से समायोजित यानी एडजस्ट करते हैं.
4. क्या अभी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के लिए इंडेक्सेशन की शर्त बतायी गयी है
वित्त मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि अनलिस्टेड स्टॉक पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के लिए इंडेक्सेशन की व्यवस्था की जा सकती है. क्योंकि निवेश के दूसरे माध्यमों में लंबे समय के मुनाफे के लिए इंडेक्सेशन की व्यवस्था है. इस व्यवस्था से निवेशकों को फायदा होता है और वास्तविक रूप में टैक्स की दर भले ही ज्यादा हो, लेकिन टैक्स देना कम ही होता है.
5. कैसे होता है इंडेक्सेशन के आधार पर टैक्स का आंकलन
अभी तो शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के लिए इंडेक्सेशन का खाका नहीं खींचा गया है. लेकिन इनकम टैक्स विभाग की ओर से जमीन-जायदाद के लिए जारी कॉस्ट इनफ्लेशन इंडेक्स के आधार पर मोटा-मोटी आंकलन किया जा सकता है. मसलन
-एक व्यक्ति ने कंपनी ए ने हजार रुपये की कीमत पर 100 शेयर 1 अप्रैल 2018 को खरीदे. यानी कुल निवेश 1 लाख रुपये
-उस व्यक्ति ने वो निवेश 1 जुलाई 2022 को निकाला, उस दिन कंपनी ए के एक शेयर की कीमत थी 190 रुपये. यानी कुल कीमत हुई 1.90 लाख रुपये
-अब यहां इंडेक्सेशन नहीं है तो 1.90-1 यानी 90 हजार रुपये पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा. टैक्स की दर 10 फीसदी है तो कुल टैक्स बनेगा 9000 रुपये
-अब यदि यहां इंडेक्सेशन की व्यवस्था होती है और 2018-19 के लिए कॉस्ट इनफ्लेशन इंडेक्स 167 है और 2012-23 के लिए 272 तो ऐसी सूरत में खरीद कीमत का आंकलन कुछ इस तरह होगा
1,00,000*272/167 = 1,62,874
-ऐसी सूरत में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 1,90,000-1,62,874 यानी 27,126 रुपये पर लगेगा. 10 फीसदी की दर से यहां टैक्स हआ 2712 रुपये
-कुल मिलाकर टैक्स में बचत हुई 6287 रुपये की (9000-2712).
-यदि टैक्स की दर 20 फीसदी हो जाए तो भी साढ़े तीन हजार रुपये से ज्यादा की बचत होगी.