नई दिल्ली: 30 दिसंबर के बाद भी 500-1000 के नोट रखने पर जिन लोगों को सरकार ने जेल भेजे जाने की बात कही थी उन्हें राहत मिली है. सरकार ने किसी व्यक्ति द्वारा चलन से बाहर किए जा चुके पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को 10 से ज्यादा संख्या में रखने को दंडनीय अपराध घोषित किया और इस पर न्यूनतम 10,000 रुपये जुर्माने का ऐलान किया था. हालांकि फिलहाल इसमें 4 साल जेल की सजा के प्रस्ताव को छोड़ दिया गया है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कल मंत्रिमंडल की बैठक में (विनिर्दिष्ट नोट दायित्व का समापन) अध्यादेश-2016 को मंजूरी प्रदान की गई थी. इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति ऐसे पुराने नोटों को 10 से ज्यादा संख्या में नहीं रख सकता है. केवल शोधार्थियों और विद्वानों को ऐसे 25 नोट रखने की अनुमति इस अध्यादेश में दी गई है. शीर्ष सूत्रों के अनुसार इस अध्यादेश को जल्द ही राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और यह 31 दिसंबर से प्रभावी होगा.


इस अध्यादेश को लाने का सरकार का मकसद 31 मार्च के 1000 और 500 रुपये के बंद किए जा चुके पुराने नोट रखने को एक दंडनीय अपराध बनाना है. इसके लिए सरकार ने न्यूनतम 10,000 रुपये या पाई गई राशि का 5 गुना जो भी ज्यादा हो जुर्माना तय किया है.


सरकार ने स्पष्ट किया कि गलत जानकारी के साथ एक जनवरी से 31 मार्च के बीच पुराने नोट जमा कराने पर 5,000 रुपये या राशि का 5 गुना जो भी ज्यादा हो, जुर्माना वसूला जाएगा. इसके लिए विशेष खिड़कियां खोली जाएंगी जिस पर सिर्फ नोटों को बदला जा सकेगा.