इकनॉमी की बुरी हालत ने कैंपस ग्रेजुएट्स की नौकरियों की संभावनाओं को भी घटा दिया है. कैंपस ग्रेजुएट्स में से 66 फीसदी के पास नौकरी नहीं है. जॉब पोर्टल नौकरी.कॉम के मुताबिक लगभग दो तिहाई कैंपस ग्रेजुएट के पास रोजगार नहीं है.
जिन्हें ऑफर लेटर मिला है उनकी ज्वाइनिंग में भी देरी
नौकरी.कॉम के मुताबिक जिन एक तिहाई कॉलेज पास-आउट के पास ऑफर लेटर हैं, उनकी ज्वाइनिंग में देर हो रही है. इनमें से 44 फीसदी ने कहा कि उनके पास ज्वाइनिंग के ऑफर हैं, लेकिन नियोक्ता कंपनियों ने अभी तक उन्हें ज्वाइन नहीं कराया है. इसमें देरी हो रही है. नौ फीसदी ने कहा कि उनकी ज्वाइनिंग ऑफर को वापस ले लिया गया.
नौकरी.कॉम के मुताबिक ज्यादातर स्टूडेंट्स ने जॉब के लिए पोर्टल का सहारा लिया लेकिन 17 फीसदी लोगों ने रेफरल और पूर्व छात्र संगठनों की मदद ली. पोर्टल के मुताबिक ज्यादातर छात्र अब फ्री-लांसिंग के विकल्प के बारे में सोच रहे हैं.
स्टूडेंट्स ऑनलाइन और स्किल डेवलपमेंट कोर्स कर रहे हैं
जॉब पोर्टल ने कहा है कि 2020 बैच में कम से कम 82 फीसदी कॉलेजों में प्लेसमेंट की संभावनाएं कमजोर हुई हैं. हालांकि कई स्टूडेंट्स इस वक्त का इस्तेमाल ऑनलाइन कोर्स और स्किल डेवलपमेंट के लिए कर रहे हैं.
आधे से अधिक स्टूडेंट्स के मुताबिक कंपनियों ने रिक्रूटमेंट के लिए कैंपस विजिट बंद कर दिया है. कई कंपनियों ने वीडियो इंटरव्यू और दूसरी टेक्नॉलोजी से जॉब इंटरव्यू लेना शुरू किया है. वैसे ज्यादातर स्टूडेंट्स इस स्थिति को लेकर हतोत्साहित नहीं हैं. लगभग 70 फीसदी स्टूडेंट्स ऑनलाइन कोर्स सब्सक्राइब कर रहे हैं.
सीएमआईई के एक ताजा आंकड़े के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर कम नहीं हो रही है. ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर ज्यादा है. यहां बेरोजगारी दर 10.69 फीसदी पर बनी हुई है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.62 फीसदी पर बनी हुई है.आंकड़ों के मुताबिक जून के पहले सप्ताह के दौरान देश में बेरोजगारी दर 17.51 फीसदी थी.