RBI MPC Meeting: आरबीआई ( Reserve Bank Of India)) की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक का आज दूसरा दिन है. बुधवार को आरबीआई अपनी मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के नतीजों का एलान करेगी, जिसमें ये साफ हो जाएगा कि आरबीआई एमपीसी की लगातार छठी बैठक में रेपो रेट में बढ़ोतरी का फैसला लेता है या नहीं. लेकिन इस बीच रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ( S&P Global Ratings) का मानना है कि 6.25 फीसदी पर रेपो रेट अपने उच्च स्तर पर है और अब उसमें और बढ़ोतरी किए जाने की जरूरत नहीं है. 


एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोर इंफ्लेशन ( Core Inflation) की दरें लगातार ऊंची बनी हुई थी. लेकिन 2022 की दूसरी छमाही में इसमें गिरावट देखने को मिली है. एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स  का मानना है कि रेपो रेट जब 6.25 फीसदी पर बना हुआ है ऐसे में यहां से रेपो रेट में और बढ़ोतरी किए जाने की जरूरत नहीं है. आपको बता दें फूड और एनर्जी के अलावा गुड्स और सर्विसेज के मुल्य में बदलाव को कोर इंफ्लेशन कहा जाता है. 


आपको बता दें अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर (Consumer Price Index) के 7.80 फीसदी के स्तर को छूने के बाद महंगाई पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई ने मई 2022 के बाद से रेपो रेट में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. खुदरा महंगाई दर ( Retail Inflation Data) 11 महीने तक लगातार आरबीआई के टोलरेंस बैंड के अपर बैंड 6 फीसदी के ऊपर बना हुआ था. फिलहाल रेपो रेट 6.25 फीसदी है जो 4 मई 2022 के पहले 4 फीसदी हुआ करता था. 


लेकिन नवंबर 2022 से महंगाई दर में गिरावट का सिलसिला शुरू जो दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर घटकर 5.72 फीसदी पर आ चुका है जो आरबीआई के टोलरेंस बैंड 6 फीसदी के नीचे है. आरबीआई का लक्ष्य महंगाई दर को 4 फीसदी के करीब लाने का है.  अगर कमोडिटी के दामों में गिरावट बनी रही, कच्चा तेल के दाम नियंत्रण में रहा और रबी फसलों खासतौर से गेहूं की अच्छी पैदावार हुई को महंगाई में और कमी आ सकती है जिसके चलते महंगे कर्ज से राहत मिलने की उम्मीद बढ़ सकती है.   


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