नई दिल्लीः सरकार ने आज आधार ना रखने वालों के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर दी है. सरकार ने साफ कर दिया है कि आधार ना होने की वजह से किसी को भी सरकारी बुनियादी सुविधाओं से वंचित नहीं रखा जाएगा. सरकार ने साफ कर दिया है कि जिनके पास आधार कार्ड या आधार नंबर नहीं है उन्हें भी सभी तरह की सरकारी फैसेलिटी मिलेंगी. इसके लिए किसी और पहचान के दस्तावेज का इस्तेमाल भी किया जा सकेगा हालांकि ये तब तक के लिए होगा जब तक उन लोगों के पास आधार कार्ड ना आ जाए. सरकार ने इसके लिए आधार रेगुलेशन एक्ट 2016 के रेगुलेशन 12 का फायदा लोगों को देने के लिए कहा है.
हाल ही में सरकार ने 30 से भी ज्यादा सरकारी सुविधाओं के लिए आधार को जरूरी कर दिया है. इस तरह कुल मिलाकर 84 सरकारी सुविधाओं के लिए अब तक आधार को जरूरी किया जा चुका है. इसमें मिड-डे मील से लेकर पीएफ से पेंशन मिलने, ऑनलाइन रेल टिकट बुक कराने जैसे कई काम शामिल हैं. ऐसे में जिनके पास आधार नहीं था उन लोगों को ये डर था कि उन्हें ऐसी सरकारी सुविधाओं से महरूम रहना पड़ेगा.
मिड-डे मील और बाल विकास योजनाओं के लिए सरकार ने आधार कार्ड को जरूरी किया है लेकिन स्कूलों और आंगनवाड़ी को निर्देश भी दिए गए हैं. इसके स्कूल और आईसीडीएस को कहा गया है कि जिन बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं है उन बच्चों को आधार के लिए एनरोलमेंट की सुविधा दी जाए. और जब तक उन बच्चों को आधार नहीं मिल जाता तब तक उन्हें सारी सुविधाओं को देना जारी रखा जाए.
आधार से जुड़े सरकारी आंकड़ें
अब तक देश में करीब 112 करोड़ लोगों को आधार जारी किया जा चुका है. इतनी भारी संख्या में देश में लोगों को कोई और पहचान का दस्तावेज नहीं दिया जा चुका है. आधार आज की तारीख में लोगों का सशक्तिकरण करने, अच्छा प्रशासन देने और स्कीमों से लोगों को जोड़ने के लिए बहुत अहम होता जा रहा है. इसका मुख्य लक्ष्य है कि सरकारी सब्सिडी, सरकारी सुविधाओं का लाभ वाजिब लोगों को ही मिले ना कि फर्जी लोगों को. कई रिसर्च और सर्वे से सामने आया है कि अब तक सरकारी फायदों में भारी लीकेज थी और सही लोगों तक उसका फायदा नहीं पहुंचता था.
डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) के जरिए अब तक कई सरकारी योजनाओं जैसे पहल के तहत एलपीजी सब्सिडी, स्कॉलरशिप्स, मनरेगा और पेंशन का फायदा सही पात्र लोगों को दिया गया है. आधार के बिना कई सब्सिडी, फायदे दलालों या फर्जी लोगों द्वारा हड़प लिए जाते थे. लेकिन अब स्थिति बदली है और पिछले 2.5 सालों में आधार को जरूरी करने के फैसले के जरिए सरकार ने 49,000 करोड़ रुपये बचाए हैं.