Crude Oil: 'भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए किसी ने नहीं रोका'- पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी
Petroleum Minister हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि किसी भी देश ने भारत को रूस से तेल खरीद रोकने के लिए नहीं कहा है. भारत उस किसी भी देश से कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा, जहां से उसे खरीदना है.
Crude Oil Price History in India: कच्चे तेल के बाजार (Crude Oil Market) में एक बार फिर से तेजी का माहौल है. आपको बता दे कि ऐसी खबरें है कि भारत पर रूस से कच्चा तेल (Crude Oil) नहीं खरीदने का दवाब है. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Petroleum and Natural Gas Minister Hardeep Singh Puri) ने कहा कि किसी भी देश ने भारत को रूस से तेल खरीद रोकने के लिए नहीं कहा है. साथ ही भारत उस किसी भी देश से कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा, जहां से उसे खरीदना है.
पश्चिमी देशों की खरीददारी बंद
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया था. जिससे रूस के कच्चे तेल के दाम गिर गए थे. ऐसी स्थिति में चीन और भारत ने कम दाम पर रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखी. इस समय भारत दुनिया का तीसरा बड़ा तेल आयातक एवं उपभोक्ता देश है.
सरकार की नैतिक जिम्मेदारी
स्वच्छ ऊर्जा पर अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान मंत्री पुरी ने कहा कि अपने लोगों को किफायती दामों पर ऊर्जा उपलब्ध करवाना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी होती है. उन्होंने कहा कि ''भारत को जिससे भी कच्चा तेल खरीदना है वह खरीदेगा और इसकी साधारण सी वजह यह है कि भारत की उपभोक्ता आबादी के संदर्भ में इस तरह की चर्चा नहीं की जा सकती. वैसे भी हमें रूस से तेल खरीदने से किसी ने मना नहीं किया है.
ओपेक प्लस रहेगा बेअसर
वही दूसरी और मंत्री पुरी ने भरोसा जताया है कि भारत तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक (OPEC) और उसके सहयोगियों ‘ओपेक प्लस’ द्वारा तेल उत्पादन में प्रतिदिन 20 लाख बैरल की कटौती करने के फैसले के असर को कम करने में सक्षम होगा. पुरी ने अमेरिकी ऊर्जा मंत्री जेनिफर ग्रेनहोम के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद कहा कि यदि आप अपनी तेल नीति को लेकर स्पष्ट हैं जिसका मतलब है कि आप ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा वहनीयता में भरोसा करते हैं तो आप जिन स्रोतों से ऊर्जा खरीदना चाहते हैं, उसे खरीदेंगे.
जहां सबसे सस्ता तेल वहां से होगा खरीदना
भारत की कच्चे तेल जरूरतों की 85 प्रतिशत पूर्ति आयात से होती है. साथ ही भारत तेल खरीद के अपने स्रोतों का दायरा बढ़ाने की कोशिश में लगा हुआ है. भारत सरकार इस आधार पर रूस से तेल खरीद का बचाव करती रही है कि उसे वहां से तेल खरीदना होगा जहां सबसे सस्ता है. सरकार ने अमेरिका के नेतृत्व वाले जी-7 समूह की उस योजना में शामिल होने की कोई इच्छा प्रकट नहीं की है जिसमें रूस के राजस्व को सीमित करने के मकसद से उससे खरीदे गये तेल के दाम की सीमा तय करने का प्रस्ताव रखा है.
ये भी पढ़ें-
No-Cost EMI: नो कॉस्ट ईएमआई से आसान हो जाती है शॉपिंग, खरीदारी से पहले समझ लें ये बातें
Indian Railway: 16 स्टेशनों की सुधरेगी तस्वीर, रीडेवलपमेंट के लिए बोलियां आमंत्रित करेगी रेलवे