नई दिल्लीः आज रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि एक्सिस बैंक के लाइसेंस निरस्त करने के लिए कोई कार्रवाई शुरु नहीं की गयी है. एक्सिस बैंक पर गंभीर आरोप है कि उसके कुछ शाखाओं में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को जमा करने या बदली करने में अनियमितता बरती गई है. ये अटकलें लगायी जा रही थी कि एक्सिस बैंक का लाइसेंस निरस्त हो सकता है जिसके बाद ही रिजर्व बैंक को ये सफाई देनी पड़ी.


नोटबंदी के बाद कैश के अनियमित लेनदेन के आरोप में जिन बैंक आधिकारियों पर कार्रवाई हुई है उनमें सबसे ज्यादा संख्या एक्सिस बैंक कर्मचारियों की थीं. इसी के बाद अमुमान लग रहा था कि एक्सिस बैंक पर कार्रवाई करते हुए उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. इसी के मद्देनजर आरबीआी ने सफाई जारी करते हुए ऐसी किसी भी कार्रवाई से इनकार किया है.


नोटबंदी के बाद एक्सिस बैंक में लगातार 500-1000 के नोटों के बदलने की खबरें सामने आने के बाद कहा जा रहा था कि बैंक में बड़ी तादाद में काला धन को सफेद करने का काम चल रहा है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी एक्सिस बैंक को लेकर मजाक चल पड़ा था कि इस बैंक को भारत का स्विस बैंक घोषित कर देना चाहिए ताकि लोग इसमें अपना काला धन रख सकें.


आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक्सिस बैंक को क्लीनचिट देते हुए साफ किया कि वह एक्सिस बैंक का लाईसेंस रद्द नहीं कर रहा है. वहीं एक्सिस बैंक ने साफ कर दिया है कि उनके जो कर्मचारी निलंबित हुए हैं वह नोट बदलने के मामले में नहीं बल्कि केवाईसी कानून पालन न करने के चलते हुए. बैंक ने कहा कि कई ज्वैलर्स का अकाउंट फ्रीज करने पर कार्रवाई ईडी के कहने पर हुई है. एक्सिस बैंक के ईडी राजेश दहिया ने ये स्पष्टीकरण दिया है.