नई दिल्ली: सरकार का मानना है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) सिस्टम के तहत आईफोन बनाने वाली एपल को टैक्स और चार्जेज से जुड़ी रियायतें देना संभव नहीं हो सकेगा. सरकार के आधाकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सरकार ने कहा कि वह इस नए टैक्स सिस्टम के तहत उक्त रियायतें नहीं दे सकती क्योंकि इसका लक्ष्य मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना है न कि इंपोर्ट को.
सूत्रों ने कहा, ‘हम स्मार्टफोनों और उसके कलपुर्जों के इंपोर्ट पर सीमा शुल्क यानी कस्टम ड्यूटी पहले ही बढ़ा चुके हैं. इसलिए यह साफ है कि हम मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के बजाय इंपोर्ट को बढ़ावा देने की कोशिश वाले कदम नहीं लेंगे.’ सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘जीएसटी के लागू होने के साथ किसी को अलग से छूट देना संभव नहीं होगा.’ अमेरिकी कंपनी एपल ने भारत में मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिये कुछ रियायतें मांगी थीं. इनके जवाब में सरकार ने कंपनी को ये जवाब दिया है.
एक जुलाई से लागू जीएसटी के तहत छूटों को खत्म कर दिया गया है और देश भर में गुड्स और सर्विसेज पर देश भर में एक जैसा टैक्स जीएसटी लागू कर दिया है. ये चार स्तरीय टैक्स है जिसके तहत एसजीएसटी, सीजीएसटी, आईजीएसटी अलग-अलग राज्यों के हिसाब से लागू कर दिया गया है.