देश में खुदरा महंगाई एक बार फिर से सिर उठा रही है. इस साल मई में महंगाई लंबे समय बाद 5 फीसदी से नीचे आई थी, लेकिन उसके बाद तेजी का दौर वापस लौट आया है. इसके कारण सरकार कई नीतिगत कदम उठा रही है, जिनमें आयात-निर्यात पर पाबंदियां भी शामिल हैं. पिछले एक महीने के दौरान सरकार ने कई कमॉडिटीज के आयात-निर्यात पर नीतियों में बदलाव किया है. हालांकि अभी चीनी को लेकर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है और निर्यात पर पाबंदी के बारे में चल रही खबरों को लेकर भी स्थिति को साफ किया है.


अभी नहीं हुआ है कोई फैसला


सरकार का साफ कहना है कि फिलहाल चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगाने को लेकर न तो कोई फैसला हुआ है और न ही इस बारे में कोई विचार चल रहा है. सरकार का कहना है कि जब तक देश में गन्ना उत्पादन के ठोस अनुमान सामने नहीं आ जाते हैं, तब तक 2023-24 सीजन के लिए चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगाने के बारे में कोई फैसला नहीं होने वाला है.


चल रही थीं प्रतिबंध की खबरें


सरकार के द्वारा इस मुद्दे पर स्थिति साफ करना इस लिहाज से अहम हो जाता है क्योंकि चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगाने की खबरें चल रही थीं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस सप्ताह एक रिपोर्ट चलाई थी कि सरकार चीनी के निर्यात पर बैन लगाने जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया था कि अक्टूबर से शुरू हो रहे नए सीजन में चीनी मिलों को चीनी का निर्यात करने से रोका जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो 7 साल में पहली बार भारत चीनी के निर्यात पर रोक लगाएगा. रॉयटर्स का कहना था कि बारिश के कारण गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा है और इसी कारण निर्यात पर रोक लगाई जा सकती है.


ये हैं सरकार की प्राथमिकताएं


सरकार के ताजे अपडेट से फिलहाल चीनी के निर्यात पर रोक की आशंकाएं कम हुई हैं. इस बारे में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने एक बयान जारी कर कहा था कि सरकार की प्राथमिकता घरेलू खपत, इथेनॉल के उत्पादन और सुरक्षित भंडार के लिए चीनी की उपलब्धता सुनिश्चित करना है. 2023-24 सीजन के लिए 60 लाख टन चीनी का सुरक्षित भंडार बनाया जाना है.


इस कारण भारत की भूमिका अहम


चीनी के वैश्विक बाजार की बाजार की बात करें तो भारत अभी दुनिया में इसका दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. इसका मतलब हुआ कि अगर भारत चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है तो पूरी दुनिया के लिए मिठास की महंगाई बढ़ जाएगी और हर किसी का स्वाद बिगड़ जाएगा. चालू सीजन यानी 2022-23 में सरकार ने चीनी के निर्यात पर सीमित पाबंदी लगाई थी. इस सीजन के लिए सरकार ने मिलों को 61 लाख टन चीनी के निर्यात की मंजूरी दी थी, जो इससे एक सीजन  पहले यानी 2021-22 में 1.11 करोड़ टन था.


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