Liberalised Remittance Scheme: लोग अक्सर कई तरह के पेमेंट क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या डेबिट कार्ड से करते हैं. अगर आने वाले दिनों में आप भी विदेश यात्रा की तैयारी कर रहे हैं या इंटरनेशनल पेमेंट करने वाले हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है. सरकार ने 7 लाख रुपये तक के ऐसे भुगतान पर टीसीएस नहीं लेने का फैसला लिया है.


वित्त मंत्री ने बताई थी ये बात


इससे पहले ऐसी खबरें थीं कि विदेश यात्रा के दौरान क्रेडिट कार्ड से किए गए हर भुगतान (TCS on Credit Card Payment) पर टीसीएस यानी टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स लगेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (FM Nirmala Sitharaman) ने लोक सभा में फाइनेंस बिल 2023 को पेश करते हुए इस बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि विदेश यात्राओं के दौरान क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले पेमेंट को लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के दायरे में लाने पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए रिजर्व बैंक को कहा गया है कि वह ऐसे भुगतान को एलआरएस के दायरे में लाने के तरीकों पर गौर करे.


इस कारण पड़ी बदलाव की जरूरत


विदेश यात्राओं के दौरान क्रेडिट कार्ड से किए गए पेमेंट अभी एलआरएस के दायरे में नहीं आते हैं. इस तरह ऐसे पेमेंट टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स से बच जाते हैं. इस कारण रिजर्व बैंक से कहा गया था कि ऐसे सभी पेमेंट को एलआरएस और टीसीएस के दायरे में लाने के बारे में तरीकों पर विचार किया जाए. वित्त मंत्री ने इससे पहले फरवरी में आम बजट पेश करते हुए शिक्षा और चिकित्सा जरूरतों को छोड़ अन्य काम के लिए बाहर भेजे जाने वाले पैसों पर 20 फीसदी की दर से टीसीएस वसूलने का प्रस्ताव किया था, जो 01 जुलाई से लागू होने वाले थे.


बजट में किए गए थे ये प्रस्ताव


बजट में LRS के तहत, देश से बाहर पैसे भेजने पर TCS को 5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का प्रस्ताव किया गया था. बजट में 7 लाख रुपये की लिमिट को भी हटाने का भी प्रस्ताव किया गया था. हालांकि अब सरकार ने कहा है कि एक वित्त वर्ष के दौरान क्रेडिट या डेबिट कार्ड से किए गए 7 लाख रुपये तक के इंटरनेशनल पेमेंट पर टीसीएस नहीं वसूला जाएगा. इसके अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े खर्चों पर मिलने वाली छूट बरकरार रहेगी. ऐसे खर्चों को टीसीएस के दायरे से बाहर रखा जाएगा, जिसका मतलब हुआ कि इनके ऊपर टैक्स नहीं देना होगा.


इन मामलों में नहीं मिलेगी छूट


इसके साथ ही सरकार ने साफ किया है कि इस छूट का लाभ 7 लाख रुपये तक के इंटरनेशनल पेमेंट पर ही मिलेगा. इसके अलावा अगर भुगतान भारत से किया गया हो तब भी टीसीएस से छूट का लाभ नहीं मिलेगा. इसका मतलब हुआ कि निवेश, टिकट बुकिंग, सामानों की खरीद, सब्सक्रिप्शन शुल्कों के लिए भुगतान आदि पर टीसीएस से छूट नहीं मिलेगी. ऐसे पेमेंट पर 20 फीसदी की दर से टीसीएस लगता रहेगा.


ये हैं टीसीएस के नियम


मौजूदा नियमों की बात करें तो अभी सात लाख रुपये से ज्यादा की रकम होने पर टीसीएस की दर 5 फीसदी है, लेकिन 01 जुलाई से यह बढ़कर 20 फीसदी हो जाएगी. इलाज और पढ़ाई के लिए विदेश भेजे जाने वाले पैसे को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है. इन मामलों में रकम 07 लाख रुपये से ज्यादा होने पर पहले की तरह टैक्स लगेगा यानी 05 फीसदी की दर से टीसीएस कटेगा. एजुकेशन लोन की स्थिति में 7 लाख रुपये से रकम अधिक होने पर 0.5 फीसदी TCS लगेगा.


क्या है एलआरएस


एलआरएस को भारत में सबसे पहले 2004 में लागू किया गया था. तब इसके तहत 25 हजार डॉलर तक पेमेंट भेजना टैक्स के दायरे से बाहर था. बाद में तत्कालीन आर्थिक हालातों को देखते हुए समय-समय पर लिमिट में बदलाव किए गए.


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