क्रुगमैन ने दुबई में वर्ल्ड गर्वमेंट शिखर सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि इस बात की संभावना कम है कि किसी "एक बड़ी चीज" से आर्थिक सुस्ती आए. उन्होंने कहा कि कई आर्थिक उतार-चढ़ाव या समस्याओं से आर्थिक मंदी की संभावना बढ़ जाएगी. क्रुगमैन ने कहा, 'मेरा मानना है कि इस साल के अंत तक या अगले साल मंदी आने की काफी आशंकाएं हैं.'
जाने-माने अर्थशास्त्री ने कहा, "सबसे बड़ी चिंता यह है कि यदि मंदी आ जाए तो उसका प्रभावी तरह से जवाब देने में हम सक्षम नहीं होते हैं. हमारे पास कोई सुरक्षा तंत्र नहीं है."
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक के पास अक्सर बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए साधनों की कमी होती है. जोखिम के लिये हमारी तैयारी बहुत ही कम है. अर्थशास्त्री पॉल क्रुगमैन ने कहा कि ट्रेड वॉर और संरक्षणवाद के बजाए नीतिगत एजेंडा हावी रहता है, जो कि इन मुद्दों से ध्यान हटा रहा है और संसाधनों को दूर कर रहा है. क्या यह हमारी वास्तविक प्राथमिकताएं होनी चाहिए.
पॉल क्रुगमैन ने साल 2008 में अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार जीता था.
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