Tata Trusts: रतन टाटा (Ratan Tata) के दुनिया से विदा ले लेने के बाद अब टाटा ट्रस्ट (Tata Trusts) के अगले चेयरमैन उनके सौतेले भाई नोएल टाटा (Noel Tata) को चुना गया है. इससे पहले उनका नाम उस दौरान चर्चा में आया था, जब टाटा संस (Tata Sons) का नया मुखिया चुना जा रहा था. हालांकि, बाद में टाटा संस की कमान साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के हाथ में चली गई थी. इस बार नवल टाटा (Naval Tata) और सिमोन टाटा (Simone Tata) के बेटे नोएल टाटा को आखिरकार यह सम्मान मिल गया. 


ये जिम्मेदारियां संभालते हैं नोएल टाटा 



  • वह टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड (Tata International) के चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. चार दशकों में उन्होंने कई इंटरनेशनल कंपनियों को टाटा ग्रुप में शामिल करने में अहम भूमिका निभाई है. 

  • वह ट्रेंट (Trent), वोल्टास (Voltas) और टाटा इनवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन (Tata Investment Corporation) के चेयरमैन हैं. साथ ही टाटा स्टील (Tata Steel) और टाइटन कंपनी (Titan) के वाइस चेयरमैन भी हैं. 

  • इसके अलावा वह सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं. 

  • उनके नेतृत्व में अगस्त, 2010 से नवंबर, 2021 के बीच टाटा इंटरनेशनल 50 करोड़ डॉलर से 3 अरब डॉलर की कंपनी बन चुकी है. 

  • इसके अलावा उन्होंने ट्रेंट को 1998 में 1 स्टोर वाली कंपनी से 700 स्टोर वाली कंपनी बनाया है. 


टाटा संस की मालिक है टाटा ट्रस्ट


टाटा ट्रस्ट्स देश की सबसे बड़ी दानार्थ संस्था है. इसके अलावा यह 165 अरब डॉलर के टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी हिस्सेदार भी है. रतन टाटा ने किसी को अपना उत्तराधिकारी नहीं चुना था इसलिए टाटा ट्रस्ट्स का नया चेयरमैन चुनने की जिम्मेदारी इसके बोर्ड पर आ गई थी. टाटा ट्रस्ट्स के अंदर सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (Sir Dorabji Tata Trust) और सर रतन टाटा ट्रस्ट (Sir Ratan Tata Trust) नाम से दो और ट्रस्ट हैं. इनकी टाटा संस में करीब 52 फीसदी हिस्सेदारी है. टाटा संस के पास टाटा ग्रुप (Tata Group) का मालिकाना हक है, जिसका कारोबार नमक से लेकर एयरलाइन तक फैला हुआ है. 


पारसी समुदाय को मिलेगी खुशी 


नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला पारसी समुदाय को भी प्रसन्नता देगा. उन्हें अच्छा लगेगा कि टाटा ग्रुप को बनाने वाली फैमिली के पास ही टाटा ट्रस्ट्स की कमान है. अभी तक इसकी कमान सिर्फ पारसी परिवारों के पास ही रही है. भले ही वो टाटा फैमिली से न हों. नोएल टाटा सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के 11वें और सर रतन टाटा ट्रस्ट 6वें चेयरमैन होंगे. पिछली बार रतन टाटा ने उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनकी जगह उनके साले साइरस मिस्त्री को टाटा संस की कमान दी थी. मगर, रतन टाटा उनके काम करने के तरीकों से नाखुश थे और उन्हें हटाकर एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) को यह जिम्मेदारी सौंप दी थी.


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