नई दिल्लीः आज नोएडा के 20 हजार घर खरीदारों को राहत देने वाला बड़ा ऐलान हुआ है. नोएडा अथॉरिटी बकाया राशि का 10 फीसदी जमा कराने के बाद बिल्डरों को आधे प्रोजेक्ट का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (अधिभोग प्रमाण पत्र) जारी करेगा. इससे सीधे तौर पर नोएडा के 20 हजार प्रॉपर्टी बायर्स को राहत मिलेगी. यह बात नोएडा अथॉरिटी के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अमित मोहन प्रसाद ने आज दोपहर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताई.


बिल्डर्स के साथ ग्राहकों के लिए भी राहत की बात
अमित मोहन ने बताया कि जो प्रोजेक्ट पूरी तरह से तैयार हैं और जिनपर बिल्डर्स ने सभी विभागों से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) ले लिया है. अगर बिल्डर के ऊपर नोएडा अथॉरिटी का पेमेंट बकाया रहने की वजह से उसके प्रोजेक्ट का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी नहीं हो रहा है, तो ऐसे बिल्डर्स को राहत देने के लिए ये फैसला लिया गया है. इसी को ध्यान में रखते हुए नोएडा अथॉरिटी ने एक सितंबर से 30 नवंबर तक एक स्कीम जारी की है. इसके तहत बिल्डर अपने पूरे पेमेंट का 10 फीसदी अथॉरिटी में जमा कराकर अपने आधे प्रोजेक्ट का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकता है.


कैसे मिलेगा बिल्डर्स को इस स्कीम का फायदा?
उन्होंने बताया कि आधे प्रोजेक्ट में जितने फ्लैट होंगे उनके ऊपर बकाया राशि का 65 फीसदी पैसे को डिवाइड कर प्रति फ्लैट बिल्डर से वसूला जायेगा. अगर बिल्डर 10 फ्लैट की रजिस्ट्री कराने आता है तो उसे बकाया राशि के अनुसार 10 फ्लैट पर अथॉरिटी की जितनी रकम बनती है उतना जमा कराना पड़ेगा. उसके बाद 10 फ्लैटों की रजिस्ट्री कर दी जायेगी.


उदाहरण
अगर एक प्रोजेक्ट में 10 टावर है और बिल्डर पर 100 करोड़ बकाया है तो वह 10 फीसदी के हिसाब से प्राधिकरण में 10 करोड़ रुपये जमा करायेगा. इसके बाद उसे टावर के क्रम में एक से पांच तक की एनओसी दे दी जायेगी. उन्होंने बताया कि इन पांच टावरों में अगर 400 फ्लैट है तो वर्तमान में वसूले जाने वाली 65 फीसदी धनराशि अर्थात 65 करोड़ को 400 फ्लैटों पर समान रूप से बांट दिया जायेगा. इस तरह प्रति फ्लैट देय राशि 16 लाख 25 हजार रुपये हो जायेगी. उन्होंने कहा कि अगर बिल्डर 10 फ्लैट की रजिस्ट्री कराना चाहता है तो वह एक करोड़ 60 लाख रुपये जमा कराकर फ्लैट की रजिस्ट्री करा सकता है.


जिन बायर्स ने बिल्डर्स को पूरा पैसा दिया उनके लिए खास
सीईओ ने बताया कि जिन बायर्स ने बिल्डर को पूरा पैसा दे दिया है उनसे बिल्डर अतिरिक्त धनराशि नहीं वसूल सकता. बकाया राशि बिल्डर को ही देनी होगी. सीईओ ने बताया कि प्राधिकरण के इस कदम के चलते करीब 20 हजार फ्लैट खरीददारों को राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि नोएडा में 39 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जो पूरी तरह से बनकर तैयार हैं. पर उनके ऊपर प्राधिकरण का बकाये की वजह से नोएडा अथॉरिटी का अकाउंट डिपार्टमेंट उन्हें नो ड्यूस सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहा है. आज के निर्णय के बाद 39 प्रोजेक्टों के अधिभोग प्रमाण पत्र मिलने के रास्ते खुल जायेंगे. उन्होंने बताया कि 39 प्रोजेक्टों में से 16 प्रोजेक्टों में कमी पाये जाने की वजह से उनके ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट की एप्लीकेशन को खारिज कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि अगर इन प्रोजेक्टों के बिल्डर अपनी कमियों का सुधार करके प्राधिकरण में दोबारा से आवेदन करते हैं तो उन्हें भी इस स्कीम में राहत दी जायेगी. 15 दिन के अंदर बड़े इंडस्ट्रियल प्लॉट्स की स्कीम भी लाई जाएगी. एक सितंबर से 30 नवंबर तक योजना लागू होने के बाद बने हुए अपार्टमेंटों की रजिस्ट्री हो सकेगी. तो इस तरह से नोएडा के करीब 20 हजार होम बायर्स को अच्छी राहत मिलने वाली है.


जेपी इंफ्रा के फंसे घर खरीदारों को भी मिलेगी राहत
जैसा कि आप जानते हैं कि एनसीआर में ही जेपी इंफ्राटेक के घर खरीदारों के लिए ये समय मुश्किल है. जेपी इंफ्रा को एनसीएलटी ने दिवालियेपन की कगार पर पहुंची कंपनियों की सूची में डाल दिया है. ऐसे में इसके घर खरीदारों के सामने अपनी पूंजी और फ्लैट दोनों खोने का खतरा हैं. हालांकि सरकार ने इस बारे में दखल दिया था और जेपी इंफ्राटेक की आवासीय परियोजनाओं में पैसा लगाने वालो को 24 अगस्त तक अपना दावा ठोंकने का समय दिया था. ये समयसीमा आज पूरी हो गई है. हमने जेपी इंफ्रा के ग्राहकों के लिए समय-समय पर सारी जानकारी यहां दी थी.


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