नोएडा अथॉरिटी ने DLF को 235 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया है. यह राशि 15 दिनों के भीतर भुगतान करना होगा. हालांकि डीएलएफ का कहना है कि उसे इस तरह का कोई भी नोटिस नहीं मिला है. बता दें कि यह पूरा मामला माल ऑफ इंडिया (Mall Of India) के जमीन से जुड़ा हुआ है, जिस कारण नोटिस भेजा गया है.
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने इस मामले में 5 मई, 2022 को फैसला सुनाया था और नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) को निर्देश दिया था कि जमीन के पिछले मालिक वीराना रेड्डी को जमीन का मुआवजा दिया जाए. वहीं DLF के प्रवक्ता का कहना है कि 235 करोड़ रुपये का नोटिस मिलने के बाद समीक्षा की जाएगी.
23 दिसंबर को जारी किया गया था नोटिस
नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी के अनुसार, 23 दिसंबर को ही DLF को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें मॉल को 235 करोड़ रुपये की रकम का भुगतान करना होगा. यह रकम 15 दिनों के अंदर भुगतान करना होगा. अगर यह रकम भुगतान नहीं की जाती है तो मॉल पर कार्रवाई की जाएगी. मनीकंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि डेवलपर को यह रकम देनी होगी.
क्या है पूरा मामला
नोएडा अथॉरिटी ने वीराना रेड्डी से 2005 में सेक्टर 18 में 7,400 स्क्वायर मीटर की जमीन खरीदी थी. इसके बाद DLF को इसकी नीलामी में बेच दिया था. हालांकि इस बीच वीराना रेड्डी ने मॉल की जमीन को लेकर दावा किया कि अधिग्रहण में गड़बड़ी की गई है. मामला कोर्ट में जाने के बाद शीर्ष अदालत ने इस साल मई में 295 करोड़ रुपये के भुगतान का निर्देश दिया था.
वीराना रेड्डी से किए जाएंगे भुगतान
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि नोएडा अथॉरिटी ने वीराना रेड्डी को 295 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है और अब डीएलफ से 235 करोड़ की रकम वसूली जाएगी. इसके लिए नोटिस जारी किया गया है.
18 लाख के मुआवजा को ठुकराया
वीराना रेड्डी को जिला प्रशासन की ओर से 181.87 स्क्वायर मीटर के लिए 18 लाख रुपये से अधिक की रकम भुगतान करने के लिए कहा था, जिसे वीराना रेड्डी ने ठुकरा दिया था. बाद में मजिस्ट्रेट कोर्ट और इलाहाबाद में इसकी सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद कोर्ट ने 5 मई, 2022 को करीब 295 करोड़ रुपये भुगतान करने का फैसला सुनाया था.
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