Housing Price Hike: दिल्ली एनसीआर के नोएडा में बीते तीन सालों में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में सबसे तेज उछाल देखने को मिला है. नोएडा के सेक्टर 150 में पिछले तीन साल में घरों की कीमतों में औसतन 128 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि किराये के मूल्य में 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रियल एस्टेट कंसलटेंसी कंपनी एनारॉक की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. 


नारॉक की एक रिपोर्ट के मताबिक, गुरुग्राम के सोहना मार्ग पर रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में 59 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि इस दौरान किराया 47 प्रतिशत बढ़ा है. एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “शीर्ष सात शहरों में प्रमुख माइक्रो बाजारों के विश्लेषण से पता चलता है कि बेंगलुरु, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों में 2021 के अंत और 2024 के अंत के बीच घरों की औसत कीमत किराये की तुलना में अधिक बढ़ गई है.” उन्होंने कहा कि वहीं, पुणे, कोलकाता और चेन्नई के इलाकों में विपरीत प्रवृत्ति देखी गई. इन स्थानों पर किराया अधिक बढ़ा है, जबकि घरों के दाम में वृद्धि अपेक्षाकृत कम रही है।


सोहना मार्ग पर औसत मूल्य कैलेंडर वर्ष 2021 के अंत में 6,600 रुपये प्रति वर्ग फुट से 59 प्रतिशत बढ़कर 2024 के अंत में 10,500 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया. किराये का मूल्य 25,000 रुपये प्रति माह से 47 प्रतिशत बढ़कर 36,700 रुपये हो गया. नोएडा के सेक्टर-150 में, घरों का औसत मूल्य 5,700 रुपये प्रति वर्ग फुट से दोगुना से अधिक होकर 13,000 रुपये हो गया. किराये में 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो 16,000 रुपये से बढ़कर 26,600 रुपये प्रति माह हो गया. 


गुरुग्राम स्थित रियल्टी फर्म व्हाइटलैंड कॉर्पोरेशन के निदेशक, रणनीति, सुदीप भट्ट ने कहा, "गुरुग्राम जैसे रियल एस्टेट बाजारों में प्रॉपर्टी की कीमतों में इजाफा और किराये में बढ़ोतरी के बीच महत्वपूर्ण असमानता अलग-अलग कारण से हो सकती है. इस प्रवृत्ति के पीछे मुख्य कारण निवेशकों का विश्वास और लग्जरी और हाई-एंड प्रॉपर्टी में निवेश पर मिलने वाला भारी रिटर्न है जो किराये से होने वाले आय से ज्यादा तेज गति से बढ़ रहा है. 


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