पहले पूछा- स्ट्रेस में हो? हां, बोलते ही नोएडा की इस कंपनी ने 100 कर्मचारियों को निकाला
यस मैडम की यूएक्स कॉपीराइटर अनुष्का दत्ता ने इस ईमेल का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर साझा किया. उन्होंने लिखा, "हमने अपनी चिंताओं को साझा किया और कंपनी ने हमें निकाल दिया."
नोएडा स्थित ऑन-डिमांड ब्यूटी सर्विस प्लेटफॉर्म यस मैडम इन दिनों विवादों में घिर गई है. कंपनी पर आरोप है कि उसने 100 कर्मचारियों को केवल इसलिए नौकरी से निकाल दिया क्योंकि उन्होंने कार्यस्थल पर तनावग्रस्त होने की बात मानी थी. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भारी नाराजगी देखी जा रही है. इसे 'टॉक्सिक वर्क कल्चर' का उदाहरण बताते हुए कई लोगों ने इस कदम को अमानवीय करार दिया है. चलिए, जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है.
पूरा मामला क्या है?
यस मैडम ने हाल ही में अपने कर्मचारियों के बीच एक तनाव सर्वे किया. इस सर्वेक्षण में कर्मचारियों से उनकी मानसिक स्थिति के बारे में पूछा गया. जिन कर्मचारियों ने तनावग्रस्त होने की बात कही, उन्हें ईमेल के माध्यम से नौकरी से निकालने की सूचना दी गई.
कंपनी द्वारा भेजे गए ईमेल में कहा गया कि एक सकारात्मक कार्य वातावरण बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है. यस मैडम की यूएक्स कॉपीराइटर अनुष्का दत्ता ने इस ईमेल का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर साझा किया. उन्होंने लिखा, "हमने अपनी चिंताओं को साझा किया और कंपनी ने हमें निकाल दिया."
मेल में क्या लिखा था?
यस मैडम की एचआर टीम ने मेल में लिखा- "हमने कार्यस्थल पर तनाव का पता लगाने के लिए एक सर्वे किया. आपकी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए और एक स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए, हमने उन कर्मचारियों को अलग करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने अपने तनाव की बात कही. यह कदम तुरंत प्रभाव से लागू होगा." सबसे बड़ी बात कि इस मेल में कंपनी के सह-संस्थापक मयंक आर्या को भी शामिल किया गया था.
सह-संस्थापक मयंक आर्या कौन हैं?
मयंक आर्या ने सिंगापुर पॉलिटेक्निक से नॉटिकल स्टडीज में डिप्लोमा किया है. 2016 में उन्होंने यस मैडम की स्थापना की. कंपनी का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाते हुए ब्यूटी और वेलनेस सेवाओं को घर-घर पहुंचाना है. वर्तमान में यस मैडम 50 से अधिक शहरों में सक्रिय है.
लोग क्या कह रहे हैं
कई लिंक्डइन यूजर्स ने इस कदम की कड़ी आलोचना की. एक यूजर ने लिखा, "तनावग्रस्त कर्मचारियों को निकालना उनकी समस्याओं का समाधान नहीं है." अनुष्का दत्ता ने लिखा, "यस मैडम में कर्मचारियों को ऐसे निकाला गया जैसे वे इंसान नहीं, केवल आंकड़े हों." वहीं कुछ लोग इसे पीआर स्टंट बता रहे हैं, जबकि, अन्य इसे 'टॉक्सिक वर्क कल्चर' का उदाहरण मानते हैं. हालांकि, अभी तक यस मैडम की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
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