RBI Repo Rate Hike: अगर आप महंगी ईएमआई (EMI) से परेशान हैं तो आपके लिए एक खुशखबरी है. इस वर्ष अगस्त महीने से आपको महंगे कर्ज से राहत मिल सकती है. आर्थिक विकास की धीमी गति (Slowing Economic Growth) और वस्तुओं की कीमतों में कमी ( Easing Prices) के चलते आरबीआई (RBI) अगस्त 2023 से ब्याज दरों में कमी कर सकता है. विदेशी ब्रोकरेज हाउस नोमुरा होल्डिंग (Nomura Holdings) ने अपने क्लाइंट्स को भेजे गए नोट्स में ये बातें कही है. 


सोनल वर्मा की अध्यक्षता में  नोमुरा की अर्थशास्त्रियों ने लिखा है कि 2023 में वैश्विक कारणों के चलते भारत की आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी पड़ सकती है और विकास दर घटकर 4.5 फीसदी के लेवल पर रह सकता है जिसके चलते 2023 की दूसरे छमाही में भारतीय रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला लेना पड़ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी 2023 में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करने के बाद आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी में सख्ती की अपनी नीति से पीछे हट सकता है. बीते साल भी Nomura ने बढ़ती महंगाई के मद्देनजर सबसे पहले आरबीआई के सख्त मॉनिटरी पॉलिसी की भविष्यवाणी की थी जिसके बाद आरबीआई ने पांच बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर उसे 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया था.  


Nomura के अर्थशास्त्रियों के मुताबिक महंगाई में उछाल और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते मांग में कमी के कारण जुलाई-सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी रही और ये 6.3 फीसदी के दर से ही विकास किया है. इन अर्थसात्कियों का मानना है कि भारत बेहतर स्थिति में है लेकिन कमजोर एक्सपोर्ट और इंडस्ट्रियल ग्रोथ से निवेश में कमी आ सकती है. 


बहरहाल Nomura पहली संस्था है जिसने 2023 में रेपो रेट में इतनी बड़ी कटौती की भविष्यवाणी की है.  Nomura का मानना है कि आरबीआई अपने पॉलिसी रेट को 6.50 फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर सकता है.  Goldman Sachs ने भारत को लेकर अपने आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि अक्टूबर-दिसंबर के बीच 25 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट में कटौती हो सकती है. 


राहत की बात ये है कि 12 जनवरी, 2023 को दिसंबर 2022 के लिए जो महंगाई दर के आंकड़े आए हैं उसके मुताबिक खुदरा महंगाई दर घटकर 5.72 फीसदी पर आ गया है. खाद्य महंगाई में गिरावट आई है. महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंक 2 से 6 फीसदी के बैंड में आ गया है जो 7 फीसदी के ऊपर बना हुआ था. जिसके बाद उम्मीद बढ़ती जा रही है कि ब्याज दरों के बढ़ने पर ब्रेक लगे. और आने वाले दिनों में ब्याज दर घटने का सिलसिला शुरू हो सकता है जिससे महंगी ईएमआई से राहत मिल सकती है. 


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