Currency In Circulation: देश में करेंसी सर्कुलेशन में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है. केवल एक साल में करेंसी सर्कुलेशन में 7.98 फीसदी का उछाल आया है. 3 दिसंबर 2021 को सर्कुलेशन में मौजूद कुल करेंसी का वैल्यू 29,56,672 करोड़ रुपये था जो एक साल बाद 2 दिसंबर 2022 को 7.98 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 31,92,622 करोड़ रुपये (32 लाख करोड़ रुपये) पर जा पहुंचा है. 



कैशलेस इकॉनमी बनाने पर सरकार का जोर


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि करेंसी की मांग कई मैक्रोइकॉनमिक फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं जिसमें आर्थिक विकास और ब्याज दरों का लेवल भी मायने रखता है.  वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का मकसद कैशलेस इकॉनमी बनाना है जिससे कालेधन पर लगाम लगाई जा सके और डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा दिया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार और आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहन देने और कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये हैं.  


नोटबंदी के बावजूद बढ़ी करेंसी सर्कुलेशन


वित्त मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि 31 मार्च 2016 को 16,41,571 करोड़ रुपये सर्कुलेशन में था जो नोटबंदी के बाद 31 मार्च 2017 को घटकर 13,10,193 करोड़ रुपये पर आ गया. हालांकि इसके बाद से हर हाल इसमें बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है. 31 मार्च 2018 को ये बढ़कर 18,03,709 करोड़ रुपये, 31 मार्च 2019 को 21,10,892 करोड़ रुपये . 31 मार्च 2020 को ये बढ़कर 24,20,975 करोड़ रुपये, 31 मार्च 2021 को ये बढ़कर 28,26,863 करोड़ रुपये और 31 मार्च 2022 को ये बढ़कर 31,05,721 करोड़ रुपये पर जा पहुंची है. 


ग्राहकों पर नहीं डाला जाए MDR चार्ज


वित्त मंत्री ने कहा कि डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट को तर्कसंगत बनाने के लिए आरबीआई ने बैंकों को सुझाव दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि मर्चेंट डेबिट कार्ड से भुगतान लेने पर एमडीआर चार्ज का भार उनके ऊपर ना डालें. 


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