नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि नोटबंदी के कारण सरकार की टैक्स वसूली बढ़ेगी, जिससे आने वाले दिनों में टैक्स की दरों में कमी की उम्मीद है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संकेत दिए कि नोटबंदी के कारण भविष्य में टैक्स की दरें कम हो सकती हैं. आज महंगाई दर के नए आंकड़े भी आए, जिनसे पता चलता है कि लोगों के पास खरीदारी के लिए पैसे नहीं होने के कारण खाने-पीने की चीजों के दाम घट रहे हैं. नोटबंदी के कारण कीमतों में नरमी भी देखने को मिल रही है.
नवंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर गिरकर 3.63 फीसदी के स्तर पर आ गई है. सरकार के आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्तूबर में 4.20 फीसदी पर थी. ये जनवरी 2014 के बाद से अब तक महंगाई दर का सबसे निचला स्तर है. अगस्त, 2015 में यह 3.66 फीसदी पर थीं. खास बात यह है कि खाद्य महंगाई दर भी घटकर 2.11 फीसदी पर आ गयी है. महीने दर महीने आधार पर नवंबर में खाद्य महंगाई दर 3.32 फीसदी से घटकर 2.11 फीसदी रही है
अक्टूबर के महीने में खुदरा महंगाई दर 4.2 फीसदी पर थी. महंगाई दर में आई इस गिरावट में सबसे ज्यादा योगदान सब्जियों का है. नवंबर के महीने में सब्जियों के दाम 10.29 फीसदी घट गए हैं. महीने दर महीने आधार पर नवंबर में सब्जियों की महंगाई दर -5.74 फीसदी के मुकाबले -10.29 फीसदी रही है. नवंबर में सीपीआई यानि रिटेल महंगाई दर में आई इस कमी के लिए नोटबंदी के कारण मांग में आई गिरावट को जिम्मेदार माना जा रहा है. नोटबंदी के चलते काफी हद तक लोगों को कैश संकट का सामना करना पड़ा. जिससे बाजार में खरीदारी कम हो गई.
नोटबंदी से खपत कम होने से सब्जियां सस्ती हुई हैं जबकि आटा महंगा हुआ है. बीते एक महीने से जारी नोटबंदी के चलते सब्जियों, दालों समेत कपड़े और जूते-चप्पल की महंगाई भी कम हुई है. केन्द्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक सब्जियां 10 फीसदी तक सस्ती हुईं हैं जबकि चीनी और कन्फैक्श्नरी उत्पादों के दाम 22 फीसदी तक बढ़े हैं. महीने दर महीने आधार पर नवंबर में दुग्ध उत्पादों की महंगाई दर 4.42 फीसदी से बढ़कर 4.57 फीसदी रही. वहीं पर नवंबर में दालों की महंगाई दर अक्टूबर के 4.11 फीसदी से घटकर 0.23 फीसदी रही है.