NPS अकाउंट खुलवाने के लिए आधार बेस्ड ई-केवाईसी को मंजूरी, जानें डिटेल्स
देश में मोबाइल नेटवर्क के विस्तार ने ई-केवाईसी को काफी आसान बना दिया है. आने वाले दिनों में फाइनेंशियल सर्विसेज में इसका महत्व काफी बढ़ जाएगा.
नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS खुलवाने के लिए अब ऑनलाइन आधार केवाईसी प्रोसेस का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए यानी PFRDA ने इसकी मंजूरी दे दी है. इससे एनपीएस सब्सक्राइवर के लिए ई-केवाईसी की प्रोसेस आसान हो जाएगी. इससे पहले सब्सक्राइबर को प्वाइंट ऑफ फिजिकल प्रजेंस यानी POP पर केवाईसी के लिए मौजूद रहना पड़ता था. इससे विड्रॉल और एग्जिट होने की प्रक्रिया में देरी होती थी. लेकिन अब आधार के जरिये वीडियो केवाईसी की सुविधा शुरू होन से काफी सहूलियत हो जाएगी. इससे केवाईसी की प्रक्रिया मिनटों में पूरी हो जाएगी.
लॉकडाउन में ई-केवाईसी को मिली रफ्तार
दरअसल आरबीआई ने लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंस मेंटेन ई-केवाईसी और वी-केवाईसी प्रोसेस शुरू की थी. देश में मोबाइल नेटवर्क के विस्तार की वजह से अब ई-केवाईसी सामान्य हो जाएगा. बजट 2021 में फाइनेंशियल सर्विसेज में डिजिटल तरीके को अपनाने के लिए बढ़ावा देने को 1500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
एनपीएस टियर -2 में निवेश को टैक्स बेनिफिट नहीं
एनपीएस में योगदान करने के इच्छुक लोग आधार डिटेल और पैन देकर या दूसरे केवाईसी डिटेल देकर ई-एनपीएस में शामिल हो सकते हैं.एनपीएस अकाउंट 18 से 65 साल के बीच खोला जा सकता है .इसमें दो तरह के अकाउंट होते हैं. टियर-1 और टियर-2. टियर-1 अकाउंट पेंशन अकाउंट होता है वहीं टियर 2 अकाउंट इनवेस्टमेंट अकाउंट. यह वोलेंटरी सेविंग अकाउंट होता है जो PRAN से जुड़ा होता है. टियर एक अकाउंट में इनकम टैक्स बेनिफिट मिलता है. जबकि टियर 2 अकाउंट में निवेश पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है.
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) सरकार की रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है. केंद्र सरकार की ओर से 1 जनवरी 2004 को इसे लॉन्च किया गया था. इस तारीख के बाद ज्वाइन करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योजना जरूरी है. 2009 के बाद से इस योजना को प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए भी खोल दिया गया.
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