QR Code Scanner: आज के दौर में मोबाइल फ़ोन लगभग हर दूसरे हाथ में सामान्य तौर पर देखा जा सकता है. सभी के मोबाइल फ़ोन में क्यूआर कोड (QR Code) स्कैन करने की एप्लीकेशन पाई जाती है. जिसे आप स्कैन करते है, वैसे ही उससे सम्बन्धित जानकारी या उसकी लिंक मोबाइल पर आ जाती है, और उसे देखकर उसके बारे में पता कर लेते है, आखिर यह प्रोडक्ट काम कैसे करता है. केंद्र सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए कानूनी माप विज्ञान (पैकज में रखी वस्तुएं सामानों) के नियम 2011 में बदलाव किये हैं. 


QR Code में होगी पूरी जानकारी 
नए नियम के अनुसार, TV, Fridge, Oven और बिजली (Electricity) से चलने वाले सभी उपकरणों से जुड़ी जानकारियां उसके डिब्बे पर एक स्कैन की मदद से उपलब्ध होंगी. इस क्यूआर कोड में उपकरण की समस्त जानकारी होगी. फिलहाल इसे 1 साल के लिए लागू किया गया है. इससे उपभोक्ता को उत्पाद के निर्माण से उसके उपयोग तक की जानकारी मिल सकेगी. वहीं निर्माता और पैकर को एक साथ सभी जानकारियां मिल जाएगी.


मंत्रालय से अधिसूचना जारी 
आपको बता दे कि इसके पीछे मंत्रालय की मंशा इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों को और आसान बनाना है. मंत्रालय से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अब क्यूआर कोड की मदद से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की जानकारी मिल जाएगी. 


लीगल मेट्रोलॉजी में 1 साल की छूट 
नए नियमों को लेकर जारी अधिसूचना में कहा गया कि उपभोक्ता मामलों के विभाग ने लीगल मेट्रोलॉजी (पैकज में रखी वस्तुओं) के लिए दूसरा संशोधन किया है. इसमें नियम 2022 में 1 साल तक के लिए यह छूट दी गई है.


क्या क्यूआर कोड में 
क्यूआर कोड की मदद से उस प्रोडक्ट की सारी जानकारी डिजिटल रुप में खरीददार को मिल सकेगी. इसमें महत्वपूर्ण जानकारियों को पैकेज में लेबल पर अच्छे ढंग से डिस्प्ले किया जा सकेगा. अन्य जानकारी क्यूआर कोड से उपभोक्ता को दी जाएगी. इसमें केवल टेलीफोन नंबर और ई-मेल को अलग रखा गया है. 


यह भी पढ़ें:
Market Cap: बाजार की बिकवाली से दिग्गज कंपनियों को हुआ करोड़ों का नुकसान, TCS-Infosys समेत लिस्ट में कौन-कौन है शामिल?


Petrol-Diesel Demand: मानसून की दस्तक का पेट्रोल-डीजल की मांग पर पड़ा असर, जुलाई के पहले पखवाड़े में आई गिरावट