IRDA Customer Care Number : भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) ने अपने ग्राहकों और पॉलिसी धारको की शिकायतों को सुनने के लिए कुछ नए बदलाव किये है. आपको बता दे कि शिकायतों को हल करने की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए एक नया शिकायत निवारण तंत्र बनाया गया है. इसमें ग्राहकों को 13 क्षेत्रीय भाषाओं में अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे.
13 भाषाओं में करें शिकायत
आपको बता दे कि कई संस्थाओं के खिलाफ शिकायतों के रजिस्ट्रेशन से लेकर, शिकायतों के प्रोसेसिंग और शिकायतों के अंतिम समाधान तक सभी सुविधाएं इस पोर्टल पर मौजूद है. वही अब पॉलिसीधारक इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ अपनी शिकायतों के निवारण के लिए 13 क्षेत्रीय भाषाओं में शिकायत दर्ज करा सकेंगे.
ये है नया सिस्टम
Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDA) के अनुसार 2011 में शुरू की गई एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGMS) को ग्राहकों के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए तैयार किया गया है. इसका नाम बदलकर ‘बीमा भरोसा’ रखा जाना है. IRDA का नया पोर्टल ऑनलाइन शिकायतों को दर्ज करने और नजर रखने का एक जरिया होगा. यह इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा शिकायतों के निपटान की निगरानी भी करेगा. मालूम हो कि IRDA ने कारोबार को बेहतर बनाने के लिए बीमा कंपनियों के शेयरों और लोन से पूंजी जुटाने के लिए पहले मंजूरी की आवश्यकता को भी खत्म कर किया है. यह फैसला निदेशक मंडल की बैठक में हुआ है.
इन नम्बरो पर शिकायत करें
बीमा नियामक इरडा की वेबसाइट (complaints@irdai.gov.in ) पर जाकर आप अपने शिकायत निवारण अधिकारी के फोन नंबर और ई-मेल आईडी (E mail ID) प्राप्त कर सकते हैं. जीआरओ को आपको आवश्यक दस्तावेजों के साथ लिखित में शिकायत देनी होगी. इसके बाद आपको अपनी शिकायत की लिखित पावती प्रति लेना नहीं भूलना चाहिए. इरडा ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि ग्राहक इरडा के उपभोक्ता मामले विभाग में शिकायत कर सकते हैं. इसके लिए ग्राहक टोल फ्री नंबर 155255 या 1800 4254 732 पर कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा ग्राहक complaints@irdai.gov.in पर ई-मेल भी कर सकते हैं.
15 दिन के अंदर करें समाधान
बीमा कंपनियों के पास ग्राहकों की शिकायतों के निवारण के अपने नियम होते हैं. इंश्योरेंस कंपनी को 15 दिन के भीतर आपकी समस्या का समाधान कर देना चाहिए. इरडा के अनुसार, अगर 15 दिन के बाद भी आपकी समस्या का निवारण नहीं होता है या आप समाधान से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो आप इस मुद्दे को अगले स्तर पर उठा सकते हैं. आप बीमा नियामक इरडा के पास अपनी शिकायत लेकर जा सकते हैं.
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