GST E-Invoicing: अब 10 करोड़ के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए ई-चालान अनिवार्य, 1 अक्टूबर से लागू होगा नियम
CBIC ने नोटिफिकेशन में कहा कि अब 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक के Turnover वाली कंपनियों को भी अनिवार्य रुप से e-invoice लेना होगा. ये नई व्यवस्था 1 अक्टूबर से लागू होगी.
GST E-Invoicing New Rules : केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs) यानि सीबीआइसी ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इसके अनुसार अब 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक के टर्नओवर (Turnover) वाली कंपनियों को भी अनिवार्य रुप से ई-चालान (e-invoice) लेना होगा. ये नई व्यवस्था 1 अक्टूबर से लागू होगी. आपको बता दे कि अभी तक केवल 20 करोड़ से अधिक के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को ही ई-चालाना बनवाना होता था, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है.
5 करोड़ रुपये तक आ सकती है सीमा
जीएसटी परिषद (GST Council) ने इलेक्ट्रॉनिक चालान (Electronic Invoice) को लागू करने का निर्णय किया है. GST के तहत, 1 अक्टूबर, 2020 से 500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार वाली कंपनियों के लिए Business To Business (बीटूबी) लेनदेन पर ई-चालान अनिवार्य किया था. इसके बाद 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक का कारोबार वाली कंपनियों के लिए भी बीटूबी लेनदेन पर ई-चालान का दायरा बढ़ाया था. वहीं, 1 अप्रैल 2021 से 50 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली कंपनियों को भी इस दायरे में लाया था. इसके बाद सीबीआईसी ई-चालान जारी करने की सीमा को और कम करके 5 करोड़ रुपये तक लाया जा सकता है.
क्या कहते है जानकर
GST के जानकारों की माने तो ई-चालान की न्यूनतम सीमा को घटाकर 10 करोड़ रुपये करने से जीएसटी का दायरा और बढ़ जाएगा. इससे आयकर अधिकारियों के पास टैक्स कलेक्शन (Tax Collection) में बढ़ोत्तरी होगी. ई-चालान की न्यूनतम सीमा को एक समय के बाद सभी श्रेणी के कारोबारो को इसके अंतर्गत लाया जायेगा.
सबसे बड़ा कलेक्शन जुलाई में
इस साल जुलाई 2022 में कुल 1.49 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ था. यह नई टैक्स प्रणाली लागू होने के बाद से अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन है. इतना ही लगातार 5 महीने जीएसटी कलेक्शन 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है.
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