Appliance Warranty: अगर आप भी फ्रिज, टीवी, एसी आदि जैसे घरेलू इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंसेज खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. सरकार कस्टमर्स द्वारा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लेकर बढ़ती शिकायतों के मामले को देखते हुए अब सख्त हो गई है. सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA)  के  कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी और CCPA की चीफ कमिश्नर निधि खरे की अध्यक्षता में इस मामले पर बैठक हुई है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों बनाने वाली कंपनियों को आदेश दिया गया है कि वह अप्लायंसेज खरीदने की तारीख के बजाय उसे इंस्टॉल किए जाने की तारीख से वारंटी पीरियड को शुरू करें.


कई कंपनियों के प्रतिनिधि भी हुए शामिल


सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) की इस बैठक में इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंसेज बेचने वाली कई कंपनियां जैसे रिलायंस रिटेल (Reliance Retail), LG, क्रोमा, पैनासोनिक, हाएर (Haier) और बॉश आदि के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. इस बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया कि कंपनियां आमतौर पर इलेक्ट्रॉनिक आइटम को खरीदने की तारीख से वारंटी पीरियड मान शुरू कर देती हैं, जबकि होना यह चाहिए कि इंस्टॉलेशन की तारीख से वारंटी मिलनी चाहिए क्योंकि ग्राहक उसी दिन से उपकरण को इस्तेमाल करना शुरू करता है. अगर कंपनियां बिक्री की तारीख की जगह पर इंस्टॉलेशन की तारीख से वारंटी की सुविधा देती है तो इससे ग्राहकों को अधिक लाभ मिलेगा.


ग्राहकों को वारंटी पीरियड के बारे में जानकारी देना है जरूरी-CCPA


कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी और CCPA की चीफ कमिश्नर निधि खरे ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि को यह खासतौर पर आदेश दिया है कि कंपनियां ग्राहकों को साफतौर पर वारंटी पीरियड के बारे में जानकारी दें. इसके साथ ही उन्होंने कंपनियों को वैश्विक नियमों का पालन करने का भी निर्देश दिया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ग्राहकों की तरफ से किसी तरह की शिकायत मिलने पर कंपनियों को उसे जल्द से जल्द दूर करना होगा.


किन अप्लायंसेज पर नियम होंगे लागू?


आमतौर पर इलेक्ट्रॉनिक आइटम दो तरह के होते हैं. पहला आयरन प्रेस, माइक्रोवेव आदि, जिन्हें आप सीधे खरीदकर यूज कर सकते हैं. इसमें आपको इंस्टॉलेशन की जरूरत नहीं है. वहीं एसी, फ्रिज जैसे उपकरणों में आपको इंस्टॉलेशन की जरूरत पड़ती है. ऐसे में इन उपकरणों के लिए वारंटी पीरियड इंस्टॉलेशन के बाद शुरू होगा. CCPA ने इस कंपनियों से इस मामले में 15 दिनों में जवाब मांगा है. 


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