Know Your Customer: आए दिन आधार डाटा लीक होने से लेकर पैन कार्ड नंबर सार्वजनिक हो जाने की खबरें आती रहती हैं. कई बार यह भी समाचार आता रहता है कि साइबर अपराधी आप जैसे लाखों लोगों के आधार, पैन कार्ड और बैंक खाता नंबर की डार्क वेब पर बोली लगा रहे हैं. इससे आप डिजिटल और कई बार फाइनेंशियल रिस्क के शिकार हो जाते हैं. इस तरह की जोखिमों की कहानी खत्म करने के लिए भारत सरकार एक नया सिस्टम लाने जा रही है. जो Data Breach जैसे शब्दों को आम लोगों के लिए काफी हद तक समाप्त कर देगा.


क्या है नया सिस्टम, कैसे करेगा काम 


भारत सरकार 20 जनवरी के बाद ckyc यानी सेंट्रल केवाईसी नामक नया सिस्टम लागू करने जा रही है. यह द सेंट्रल केवाईसी कस्मटर रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री के तहत काम करेगा. इसके पूरी तरह से जमीन पर उतरने के बाद किसी सरकारी काम के लिए कभी भी केवाईसी डॉक्यूमेंट्स की हार्ड कॉपी देने की नौबत नहीं आएगी. यहां तक कि डिजिलॉकर से भी इसे वेरीफाई कराने की जरूरत नहीं होगी. भारत सरकार के ऑनलाइन सीकेवाईसी सिस्टम से ही इसका वेरीफिकेशन हो सकेगा. इसके लिए सरकार के सीकेवाईएसी सिस्टम  के तहत रजिस्टर्ड आईपी एड्रेस या लॉगिन-पासवर्ड से ही एक्सेस करना संभव होगा. ऑथराइज पर्सन के अलावा अगर कोई भी सेंट्रल केवाईसी सिस्टम से किसी के आधार या पैन कार्ड अथवा किसी भी केवाईसी नंबर को जानना चाहेगा तो केवल उसे अंत के चार अंक ही दिखाई पड़ेंगे. उसे डाऊनलोड भी नहीं किया जा सकेगा. ऐसा करने के पीछे सरकार की मंशा केवाईसी डॉक्यूमेंट्स के मिसयूज को काफी हद तक रोकने की है.


वित्तीय संस्थाएं तेजी से कर रहीं काम 


भारत सरकार के सीकेवाईसी प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाने के लिए बैंक और वित्तीय संस्थाओं समेत दूसरी एजेंसियां काफी तेजी से काम रही हैं. पहले इसके लिए तैयारी कर लेने की समय-सीमा 16 दिसंबर को तय की गई थी, परंतु काम की जटिलता को देखते हुए भारत सरकार ने इसे 20 दिसंबर तक के लिए विस्तार दे दिया है.


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