वित्त मंत्रालय ने विदेशी कंपनियों को बड़ी राहत दी है. अब विदेशी कंपनियां बिना पैन के भी गुजरात स्थित आईएफएससी-गिफ्ट सिटी में बैंक अकाउंट खुलवा सकती हैं. वे अब पैन की जगह एक डिक्लेरेशन फाइल कर सकती हैं. इसके लिए वित्त मंत्रालय ने इनकम टैक्स के नियमों को आसान बनाया है.


सिर्फ इस डिक्लेरेशन से हो जाएगा काम


सरकार वित्तीय क्षेत्र के लिए गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी यानी गिफ्ट सिटी को टैक्स-न्यूट्रल एवेन्यू के रूप में प्रमोट कर रही है. नए नियमों के अनुसार, अनिवासी या किसी विदेशी कंपनी को इंटरनेशनल फाइनेंसियल सर्विसेज सेंटर में बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए फॉर्म-60 में डिक्लेरेशन फाइल करना होगा. उनके ऊपर भारत में टैक्स की कोई देनदारी नहीं होनी चाहिए.


बैंकों को होंगे इस तरह से फायदे


न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट के हवाले से कहा गया है कि नियमों में ढील के बाद विदेशी कंपनियों, अनिवासी भारतीयों और अन्य नॉन-रेजिडेंट के लिए आईएफएससी स्थित किसी बैंक में अकाउंट खुलवाना आसान हो जाएगा. इससे आईएफएससी स्थित बैंकों के लिए भी मौके बढ़ेंगे और उन्हें कारोबार के ज्यादा मौके प्राप्त होंगे.


विश्वस्तरीय बैंकिंग सेवाओं की शुरुआत


गिफ्ट सिटी में भारतीय बैंकों के साथ-साथ विदेशी बैंक भी आईएफएससी बैंकिंग यूनिट यानी आईबीयू लगा सकते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि आईबीयू से देश में विश्वस्तरीय बैंकिंग सेवाओं का रास्ता खुल रहा है. गिफ्ट सिटी में खुलने वाली बैंक शाखाओं को विदेशी शाखा की तरह माना जाता है और उसी हिसाब से उनके ऊपर नियम-कानून लागू होते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो गिफ्ट सिटी स्थित बैंक ब्रांच को कम नियामकीय अनुपालन की जरूरत होती है.


गिफ्ट सिटी में मिलते हैं ये फायदे


गुजरात स्थित गिफ्ट सिटी भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है. गिफ्ट सिटी में कंपनियों व निकायों को टैक्स नियमों में कई प्रकार की छूट मिलती हैं. उन्हें डाइरेक्ट टैक्स यानी इनकम टैक्स के साथ-साथ जीएसटी के मामले में भी फायदा मिलता है. आईएफएससी स्थित यूनिट के लिए सर्विस के मामले में जीएसटी की देनदारी नहीं बनती है. इनके अलावा रेंटल से लेकर पीएफ और इलेक्ट्रिसिटी के शुल्क आदि में सब्सिडी का फायदा मिलता है.


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