Indian Spices: भारतीय मसालों पर नया खतरा, कई देशों में रोक के बाद न्यूजीलैंड कर रहा जांच
Pesticides in Spices: हांगकांग, सिंगापुर, मालदीव जैसे देशों ने भारत के कई मसाला ब्रांडों के विभिन्न उत्पादों में खतरनाक केमिकल होने की बात कह कर उनकी बिक्री पर रोक लगा दी है...
भारतीय मसालों को लेकर पिछले महीने शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस विवाद में अब न्यूजीलैंड की भी एंट्री हो गई है. खबरों के अनुसार, कई देशों में रोक लगाए जाने के बाद न्यूजीलैंड ने भी भारतीय मसाला ब्रांडों के उत्पादों में खतरनाक केमिकल मिलने की जांच शुरू कर दी है.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, न्यूजीलैंड के फूड सेफ्टी रेगुलेटर ने भारतीय मसाला ब्रांडों के विभिन्न उत्पादों की जांच शुरू करने की बुधवार को जानकारी दी. रिपोर्ट में न्यूजीलैंड फूड सेफ्टी के एक स्टेटमेंट के हवाले से कहा गया है कि रेगुलेटर कई देशों में भारतीय मसाला ब्रांडों के विभिन्न उत्पादों पर लगाई गई रोक के बारे में अवगत है.
न्यूजीलैंड ने भी शुरू की जांच
नियामक का कहना है- एथिलीन ऑक्साइड इंसानों में कैंसर की बीमारी पैदा करने वाले रसायन के रूप में जाना जाता है. न्यूजीलैंड और कई देशों में फूड स्टरीलाइजेशन में इसका इस्तेमाल बंद किया जा चुका है. चूंकि भारत के कई मसाले न्यूजीलैंड के बाजार में भी बिक रहे हैं इसलिए हम भी इस मामले की जांच कर रहे हैं.
अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया में भी जांच
भारत के दो सबसे बड़े मसाला ब्रांड के विभिन्न उत्पादों में कैंसर के लिए जिम्मेदार खतरनाक रसायन एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने की बात सामने आने के बाद विवाद चल रहा है. सबसे पहले केमिकल की उपस्थिति का हवाला देकर हांगकांग ने कई उत्पादों पर रोक लगाने का फैसला किया. उसके बाद सिंगापुर और मालदीव में भी कई भारतीय मसलों की बिक्री बंद कर दी गई. न्यूजीलैंड से पहले अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी फूड सेफ्टी नियामकों ने दोनों ब्रांडों के मसालों की जांच शुरू कर दी है.
लाइसेंस कैंसिल होने का खतरा
दोनों कंपनियों को घरेलू स्तर पर भी सरकार की सख्ती का सामना करना पड़ रहा है. घरेलू फूड सेफ्टी रेगुलेटर एफएसएसएआई ने उनके विभिन्न मसालों की जांच तेज कर दी है. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देश भर में मसालों के 1,500 से ज्यादा सैंपल जमा किए हैं. सभी मसाला सैंपल की अभी जांच की जा रही है. सरकार क कहना है कि अगर जांच में सैंपल फेल हुए तो संबंधित कंपनियों के उत्पादों के लाइसेंस कैंसिल किए जा सकते हैं.
ये भी पढ़ें: टैक्सपेयर्स की सभी परेशानियों को दूर कर सकता है ये एक अकेला दस्तावेज!