नई दिल्ली: नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है. पीएफआरडीए ने सोमवार को राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में जुड़ने की ऊपरी आयु सीमा को मौजूदा 60 साल से बढ़ाकर 65 साल करने की घोषणा की है. पीएफआरडीए के अध्यक्ष हेमंत कांट्रक्टेर ने 'वृद्धावस्था फंड को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में स्थांतरित करने' के कार्यक्रम के दौरान कहा, "पेंशन नियामक बोर्ड ने पहले ही इस बदलाव को हरी झंडी दे दी है और जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी की जाएगी. उन्होंने कहा, "एनपीएस में अभी 18 से 60 साल के उम्र के लोग शामिल हो सकते हैं और हमारे बोर्ड ने उम्रसीमा बढ़ाकर 65 साल तक करने को मंजूरी दे दी है."
70 साल तक भी हो सकती है उम्रसीमा
उन्होंने कहा कि इस योजना में उम्रसीमा बढ़ाए जाने का विकल्प है और उम्रसीमा बढ़ाकर 70 साल तक करने की योजना है. पेंशन में रिफॉर्म करने के सरकार के निर्णय के पीछे तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य पोर्टेबिलिटी को बढ़ाना या एनपीएस में वृद्धावस्था फंड को स्थांतरित कर इसे ज्यादा आकर्षक और ग्राहकों के लिए आसान बनाना है.
कांट्रेक्टर ने कहा, "हमारा उद्देश्य ऐसे सेक्टर के लिए पेंशन योजना शुरू करना है जहां यह उपलब्ध नहीं है. केवल 15 से 16 फीसदी कर्मचारियों को पेंशन का फायदा मिल रहा है, क्योंकि भारत में लगभग 85 फीसदी कर्मचारी अनॉर्गेनाइज्ड और अनियमित क्षेत्रों में काम करते हैं."
एनपीएस के फायदे के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आज दुनिया की सबसे कम लागत की पेंशन योजना है. किसी भी सेविंग स्कीम में कॉस्ट बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि लगातार 25 से 30 सालों तक कॉस्ट में एक फीसदी के भी फर्क से बड़ा अंतर आ सकता है. लगातार 25 सालों तक 1 फीसदी से भी कम के फर्क से कम से कम 15 से 16 फीसदी का फर्क पैदा हो सकता है.
उन्होंने कहा, "हमारा फंड प्रबंधन (कॉस्ट ऑफ फंड मैनेजमेंट) खर्च सबसे कम 0.01 फीसदी है जब आप दूसरे के 0.4 या 0.5 फीसदी खर्च के साथ तुलना करते हैं.
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