Tyre New design: अब आपकी गाड़ियों के टायर का डिजाइन बदलने जा रहा है. आगामी अक्टूबर माह से कारों, बसों और भारी वाहनों के टायरों को मैन्युफैक्चर्स नई डिजाइन देने जा रहे है. टायरों को बेहतर वेट ग्रिप (Wet Grip), रोलिंग रेजिस्टेंस (Rolling Resistance) और न्यूनतम रोलिंग नॉइस (Less Rolling Noise) के हिसाब से डिजाइन किया जाएगा. इस कदम से पेट्रोल-डीजल के खर्च में कमी आएगी, ड्राइविंग सेफ्टी और वाहनों के शोर भी कम होगा. अगले वित्त वर्ष से सभी मौजूदा टायर डिजाइनों को वेट ग्रिप और रोलिंग रेजिस्टेंस मानकों का पालन करना होगा. जून 2023 से कम रोलिंग शोर मानक का पालन किया जायेगा.


टायरों को मिलेगी रेटिंग
टायर मैन्युफैक्चर्स और आयातकों के लिए नए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. रोलिंग रेजिस्टेंस, वेट ग्रिप (गीली जगहों पर ब्रेकिंग की परफॉर्मेंस) और रोलिंग साउंड के आधार पर टायरों की स्टार रेटिंग या लेबलिंग की जाएगी. इससे भारत में बनने वाले और बेचे जाने वाले टायर यूरोपीय मानकों के अनुरूप होंगे. इससे ग्राहक टायर खरीदते समय इन मानकों को देखकर अपना फैसला बना सकेंगे.


अनुपालन मुद्दा नहीं
सबसे पहले, ईंधन दक्षता और सुरक्षा के लिए मानकों के अनिवार्य अनुपालन को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया है. आपको बता दे कि भारत में ज्यादातर टायर बनाने वाली कंपनी वैश्विक है और वे यूरोपीय देशों में सर्वोत्तम मानदंडों का पालन कर रही हैं, इसलिए अनुपालन कोई मुद्दा नहीं है.


अब कारों में होंगे 6 एयरबैग्स
सरकार ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कारों में 6 एयरबैग्स को अनिवार्य करने पर विचार बना रही है. सरकार जल्द ही कारों में 6 एयरबैग्स अनिवार्य करने की अंतिम अधिसूचना जारी कर सकती है.


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