Commercial Paper Ban RBI Guidelines : भारत में कागज (Paper) का इस्तेमाल कम करने के लिए हर सेक्टर में पहल की जा रही है. आपको बता दे कि भारतीय रेलवे हो या बिजली विभाग, भारतीय एयरलाइन सेक्टर सभी जगह पेपर के कम से कम प्रयोग पर ध्यान दिया जा रहा है. कई शहरों में बिजली विभाग ने पेपर का उपयोग करने के लिए बिजली बिल को पेपर लेस कर दिया है. वहीं, रेलवे भी बड़े पैमाने पर अपने कामों को पेपर लेस करने में जुटी है. एयरलाइन सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर पेपरलेस प्रोजक्ट (Paperless Project) चलाये जा रहें है.


बैंको से गायब होगा कागज 
अब भारत के बैंकिंग सेक्टर को पेपर लेस करने के बारे में विचार किया जा रहा है. अगर ऐसा हुआ तो बैंक में आप कागज का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने यह सुझाव दिया है. RBI ने कहा है कि बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अपनी शाखाओं में कागज के उपयोग को ख़त्म करें. बैंकिंग क्षेत्र के नियामक (Banking Regulator) की बात RBI ने मानी ली, तो बैंक की शाखाओं में कागज का उपयोग पूरा इलेक्ट्रॉनिक हो जायेगा.


ATM से मिलेगी e-Receipt
कागज को पूरी तरह खत्म करने के साथ ही एटीएम (ATM) पर ई-रसीद (e-receipt) देने पर विचार कर सकते हैं. अब कागजी रसीद देने के बजाए ई-रसीद मिलेगी. बैंक की शाखाओं में सभी तरह के कागज का उपयोग खत्म होने पर आपको अपने काम बैंक के सॉफ्टवेयर की मदद से करने होंगे.


RBI ने मांगी राय 
रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने ‘जलवायु जोखिम और टिकाऊ वित्त’ पर एक परिचर्चा पत्र में कहा कि वह जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर एक रणनीति तैयार करना चाहता है. केंद्रीय बैंक वैश्विक निकायों (Central Bank Global Bodies) और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों के अनुभवों का लाभ ले रहा है.


पर्यावरण अनुकूल हो कामकाज
रिजर्व बैंक विनियमित संस्थाओं (Reserve Bank Regulated Entities) के लिए व्यापक दिशा-निर्देश तैयार कर रही है. जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के जोखिमों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए रणनीति तैयार होगी. बैंकिंग प्रक्रियाओं को पर्यावरण के लिए अधिक अनुकूल बनाकर आरई अपने संचालन में कागज के उपयोग को खत्म करके अपनी शाखाओं को हरित शाखाओं में बदलने पर विचार करेगा.


30 सितंबर तक भेजे टिप्पणियां 
RBI ने 30 सितंबर तक परिचर्चा पत्र पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं. आरई ई-रसीदों (RE e-Receipts) को प्रोत्साहित करने के तरीकों और साधनों पर विचार कर सकते हैं. यह सुझाव दिया कि भारतीय बैंक संघ (IBA) जलवायु जोखिम और टिकाऊ वित्त के क्षेत्र में क्षमता निर्माण पर एक कार्यसमूह स्थापित कर सकता है.


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