एनपीसीआई यानी भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम यूपीआई के बाद आम लोगों को एक और शानदार तोहफा देने की तैयारी में है. भुगतान निगम अपना क्रेडिट स्कोर लाने की योजना बना रहा है, जिसके लिए जल्दी ही परीक्षण की शुरुआत की जा सकती है. एनपीसीआई की एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है.
एनपीसीआई ने तय किया ये लक्ष्य
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में एनपीसीआई की मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीणा राय के हवाले से बताया गया है कि क्रेडिट स्कोरिंग सिस्टम की जल्द शुरुआत हो सकती है. इसके लिए एनपीसीआई ने डिजिटल पेमेंट स्कोर लाने की योजना तैयार की है. उन्होंने बताया कि एनपीसीआई के डिजिटल पेमेंट स्कोर का लक्ष्य देश के क्रेडिट स्कोरिंग प्रणाली को बेहतर बनाना है.
जल्द शुरू होने वाला है प्रयोग
एनपीसीआई अपने क्रेडिट स्कोर की शुरुआत से पहले यह देखना चाहता है कि क्या भारत में एक ऐसा डिजिटल पेमेंट स्कोर बनाने का अवसर है, जो क्रेडिट स्कोर तय करने की प्रक्रिया का हिस्सा बन सके. इसके लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया निकट भविष्य में कुछ बैंकों के साथ मिलकर इसका प्रयोग शुरू करने जा रहा है. ये देखने के बाद कि डिजिटल पेमेंट स्कोर किस तरह से काम करता है, एनपीसीआई आगे का फैसला करेगा.
लोगों क्रेडिट हिस्ट्री की कम जानकारी
एनपीसीआई की सीओओ का मानना है कि भारत में क्रेडिट स्कोरिंग अभी सोफिस्टिकेशन के उस स्तर से मीलों पीछे हैं, जिस स्तर पर कई विकसित देशों में क्रेडिट स्कोरिंग पहले से है. देश में अभी लोगों को क्रेडिट स्कोर के बारे में जानकारी काफी कम है. इससे लोगों को कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है. उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह से स्टूडेंट लाइफ से ही लोग क्रेडिट स्कोर/हिस्ट्री बनाने पर ध्यान देने लग जाते हैं और जरूरत नहीं होने पर भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं.
क्यों जरूरी है क्रेडिट स्कोर/हिस्ट्री
क्रेडिट स्कोर हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी हो जाता है, जो बैंक या एनबीएफसी आदि से कोई लोन लेना चाहता हो. आपको घर खरीदने के लिए होम लोन चाहिए या नई कार खरीदने के लिए कार लोन, बिना क्रेडिट स्कोर या क्रेडिट हिस्ट्री के लोन मिल पाना काफी मुश्किल हो जाता है. क्रेडिट हिस्ट्री बनाने के लिए क्रेडिट कार्ड या कोई लोन जरूरी हो जाता है. उसके बाद ही लोगों की क्रेडिट प्रोफाइल तैयार होती है.
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